मेरा विद्यालय, मेरा देवालय की तर्ज पर शिक्षक व बच्चों को किया जा रहा प्रेरित
मुंगेलीPublished: Mar 19, 2019 02:31:19 pm
अच्छी पहल
मेरा विद्यालय, मेरा देवालय की तर्ज पर शिक्षक व बच्चों को किया जा रहा प्रेरित
मुंगेली्ञ्चपत्रिका. शिक्षा का स्तर बनाये रखने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग के द्वारा स्कूल को शिक्षा का मंदिर के रूप में स्थापित कर एक नई मिशाल कायम करने की पहल बीईओ प्रतिभा मंडलोई द्वारा की जा रही है। इसी क्रम में स्कूलों में मेरा विद्यालय, मेरा देवालय के तर्ज पर कार्य करते हुए शिक्षक एवं बच्चों को प्रेरित किया जा रहा है।
विद्यालय जाति-धर्म, ऊंच-नीच, छुआछूत, भेदभाव से परे ऐसा स्थल है, जहां सभी जाति धर्म, छोटे-बड़े सभी घरों के बच्चे आते हैं और पवित्र भाव से एक साथ खेलते, बैठते, पढ़ते लिखते व भोजन करते हुए शिक्षा ग्रहण करते हैं। यहीं से बच्चों में उनके भविष्य का निर्धारण होता है। जीवन जीने की कला विद्यार्थी विद्यालय से ही सीखता है। विद्यालयों में इसी भाव को लेकर मेरा विद्यालय, मेरा देवालय सामने में लिखा गया है ताकि बच्चे पवित्र भाव और आस्था के साथ विद्यालय में आएंगे और जैसे अपने इष्ट देव स्थल पर शांति से रहते हैं और स्वच्छता बनाए रखते हैं, उसी तरह विद्यालय को भी साफ-सुथरा रखते हुए पवित्रता बनाए रखेंगे। छल कपट से दूर बच्चों में देवस्वरूप दैवीय गुणों का विकास होगा, जिससे वे अपना भविष्य गढ़ेंगे। देश के भावी नागरिक बनकर समाज सेवा कर नाम रोशन करेंगे।