मुख्यमंत्री से चिट्ठी लिखकर मांगी डेढ़ करोड़ फिरौती, आरोपी राजस्थान से लाया गया रायपुर
जानकारी के अनुसार, मुंगेली नगर के बड़ा बाजार के रहने वाले प्रभात ताम्रकार 2005 से 2017 शहर के ही एक स्कूल में लिपिक के पद पर कार्यरत था। 2017 में उसकी तबियत खराब हो गयी जिसके कारण वह कुछ दिनों तक स्कूल नहीं जा सका।
इसीबीच स्कूल प्रबन्धन ने उसे मृत घोषित कर उसके स्थान पर दूसरे व्यक्ति की नियुक्ति कर ली। जब प्रभात वापस पहुंचा तो उसने एम्पलायी प्रोविडेंट फंड या भविष्य निधि की मांग की लेकिंन प्रबंधन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
जब कोई और रास्ता नहीं सुझा तो प्रभात के बेटे ने एम्पलायी प्रोविडेंट फंड के बारे में पता करने के लिए कार्यालय में जानकारी की तो उसके होश उड़ गए। विद्यालय प्रबंधन ने प्रभात को मृत घोषित कर दिया था। अब प्रभात अपना प्रोविडेंट फंड पाने के लिए पिछले दो सालों से खुद को जिन्दा साबित करने के लिए संघर्ष कर रहा है।