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नपा की लापरवाही से पानी मुहैया कराने वाले स्टाप डेम व फिल्टर प्लांट लावारिस

locationमुंगेलीPublished: May 19, 2019 11:59:20 am

Submitted by:

Murari Soni

आगर नदी : हमेशा उपलब्ध रहता था शुद्ध पेयजल व निस्तार के लिए पानी

Stop Dump and filter plant unavailability of water from NAP

नपा की लापरवाही से पानी मुहैया कराने वाले स्टाप डेम व फिल्टर प्लांट लावारिस

मुंगेली. शहर के आखिरी छोर पेंडाराकापा में आगर नदी में जब बारहों महीने पानी रहता था, तब पम्प हाउस तथा वाटर फि ल्टर प्लॉट ने नगरवासियों को सालों साल शुद्ध पेयजल और निस्तार का पानी उपलब्ध कराया। धीरे-धीरे आगर नदी में पानी कम होने लगा। तब नदी में स्टाप डेम बनाकर वहां पर पानी स्टोर कर शहर में पानी की आपूर्ति की जाती थी। कुछ सालों में बरसात को छोड़ कर बाकी समय स्टाप डेम में भी इतना पानी स्टोर होता ही नहीं, जिससे कि नगर के लिए पानी की आपूर्ति हो। ऐसे में नगर पालिका ने स्टाप डेम सहित पूरे फि ल्टर प्लांट को लावारिस हालात में छोड़ दिया। वहीं नदी के किनारे बना इंटकवेल अब अनुपयोगी होने के कारण देखरेख के अभाव में एकदम जर्जर हो चुका है।
इसी प्रकार पंप हाउस के पास निर्मित फिल्टर प्लांट में भी फि ल्टरेशन का काम बंद होने के बाद अब बंद होने के बाद इसका उपयोग यहां पर खुदे 5 बोरवेल के पानी को एकत्र कर पाइप के माध्यम से टंकी में पानी भराव का काम तक ही सीमित होकर रह गया है।
1969-70 में जब मुंगेली नगर में नल के माध्यम से पानी की सप्लाई शुरू हुई तो इस वाटर फि ल्टर प्लांट के बड़े जलवे थे। नदी के पानी को फि टकरी और ब्लीचिंग पावडर से शोधित कर पाइप लाइन के द्वारा घरों में पहुंचाया जाता था। यहां पर रोज बड़ी मात्रा में फि टकरी और ब्लीचिंग की आवश्यकता होती थी। ट्रकों में फि टकरी आती थी। बारिश के दिनों मे जब पानी अधिक गंदा रहता था तब करीबन 10 टन फि टकरी की जरूरत 15 दिन में पड़ती थी। इस बीच कई बार ऐसी स्थिति भी आई कि भरी गर्मी में आगर नदी के सूख जाने से पूरे नगर में हाहाकार की नौबत आ गई। लोगों को पानी की परेशानी न हो इसके लिए जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की पहल पर खुडिय़ा बांध से नहर में आगर नदी के लिए पानी छोड़ा गया, जिससे मुंगेली नगर संभावित जल संकट से बच सका। मगर खुडिय़ा बांध से पानी लेना कोई स्थायी समाधान नहीं था। इसके बाद भविष्य में होने वाली परेशानी के समाधान के लिए प्लांट एरिया में बोरवेल खनन कर वहां से पाईप के माध्यम से पानी टंकी में पानी पहुंचाने और आपूर्ति का क्रम शुरू हुआ, जो आज भी जारी है। फि ल्टर प्लांट के 5 बोरवेल अभी भी नगर में पानी आपूर्ति में बड़ा योगदान कर रहे हैं।
मगर कुछ ही वर्षों में नगर की आबादी और पानी की बढ़ती मांग को पुरानी हो चुकी पानी टंकी पूरा कर पाने में असमर्थ होने लगी। फिर नगर के विभिन्न वार्डों में मांग के अनुसार बोरवेल और हेंडपंप लगने लगा। आज स्थिति यह है कि नगर के 22 वार्डो में 127 पावर पंप तथा 330 हेंडपंप के द्वारा तथा गर्मी में 7 टैंकरों से पानी की सप्लाई हो रही है।
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