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यहां पारा पहुंच गया 46 पार, सूख गए तालाब-कुंए और पोखरें, कुदरत की मार से बेबस दिख रहे ग्रामीण

locationमुंगेलीPublished: Apr 29, 2019 11:18:02 am

Submitted by:

Murari Soni

रविवार को नगर का पारा 46 डिग्री तक चढ़ गया, जिससे दिन भर गर्म हवाओं के थपेड़े लोगों को झुलसाते रहे।

Temperatures reach 46 degrees Celsius, scorching heat and summer heat

यहां पारा पहुंच गया 46 पार, सूख गए तालाब-कुंए और पोखरें, कुदरत की मार से बेबस दिख रहे ग्रामीण

लोरमी. क्षेत्र में इन दिनो भीषण गर्मी पड़ रही है। गर्मी से लोगों का बुरा हाल है। वहीं पारा दिन-ब-दिन चढ़ता जा रहा है। रविवार को नगर का पारा 46 डिग्री तक चढ़ गया, जिससे दिन भर गर्म हवाओं के थपेड़े लोगों को झुलसाते रहे। रविवार होने के चलते सडक़ दिन भर सूनी रही। सूर्यास्त होने के बाद भी गर्मी का प्रकोप कम नही हुआ। इधर तेज गर्मी की वजह से नदी नाले, तालाब सूख चुके है, ग्रामीणों को पानी की निस्तारी की समस्या भी होने लगी है।
अप्रैल के महीने में सूर्यदेव अपने प्रचंड तेवर में दिख रहे हैं। महीने के आखिरी हफ्ते में इस बार रिकार्ड गर्मी पड़ रही है। रविवार को नगर का पारा 46 डिग्री तक पहुंच गया। अप्रैल का महीना जाते-जाते सूरज इन दिनों आग की तरह बरस रहा है। सूर्य की किरणों की चुभन इस कदर बढ़ी है कि इसके प्रकोप से नदी तालाब भी सूखने को मजबूर हो गये हैं। क्षेत्र में दर्जनो हेण्डपंप बिगड़ा पड़ा है। इसका मुख्य कारण जमीनी सतह से पानी का 300 से 400 फीट नीचे की ओर चले जाना है।
वहीं सभी तालाब व नदी एवं नाले सूखने के कगार पर हैं। लोगों को निस्तारी के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है। शासन करोड़ो रुपए तालाब गहरीकरण पर खर्च कर रही है, लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही के चलते यह राशि सिर्फ जेब खर्च तक ही सीमित रह जाती है। आज तक कोई भी गांव में गर्मी के मौसम तक पानी नहीं रुकता। सभी विकास कार्यों की राशि को बंदरबाट कर लिया जाता है। कई गांवां में तो ऐसे भी शिकायतें है कि सिर्फ कागज में ही तालाब की गहरीकरण करा दी जाती है और राशि आहरण कर ली जाती है। इसमें पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ अधिकारी कर्मचारी भी शामिल रहते हैं। गांव में निस्तारी नहीं होने से ग्रामीण गांव के किनारे बसे हुये नदी में खोदाई करके झिरिया खोद कर नहाने व पानी की व्यवस्था कर रहे हंै तो कहीं टृयूबवेल वालों से पानी ले रहे हैं। आलम यह है कि लोगों को चारों तरफ से हाय तौबा हो रही है। मानव तो कहीं से भी पानी की व्यवस्था करके अपना जीवन बीता रहे हैं, लेकिन मवेशी पानी के लिये सूखे हुये तालाब की चक्कर लगा रहे हंै तो कही हैण्डपंप के पास जाकर एक एक बंूद पानी की आस लगा रहे हैं। सूर्य की तपिश अपना रौद्र रूप जोरों से दिखा रही है। सुबह 7 बजते ही लोगों का घर से निकलना मुश्किल होता जा रहा है। दोपहर में तो सूर्य की तपिश कुछ ज्यादा ही सता रही है। लोगों को पड़ रही झुलसा देने वाली गर्मी से दिन रात में भी राहत नहीं मिल रही है। पंखे कूलर भी सब फेल हैं। इसके साथ ही बिजली भी अपना रोना रुला रही हैं। घण्टों तक बिजली काटी जा रही है।
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नगर के लगभग सभी तालाब सूखने लगे हैं। डबरीपारा स्थित तालाब की साफ- सफाई नहीं होने से गंदगी का आलम है। वहीं डोंगरी पार स्थित का तालाब लगभग सूख चुका है। इससे नगर वासियों को निस्तारी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। यही नहीं लोगों को बिजली बंद होने से नहाने धोने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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