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मनरेगा से बननी थी पुलिया, दिया ठेकेदार को, पेंमेंट के बाद कर रहे जांच की बात

locationमुंगेलीPublished: May 02, 2019 12:53:04 pm

Submitted by:

Murari Soni

गोलमाल: मनरेगा के तहत बनने थे आठ पुलिया, गुणवत्ता का नहीं रखा गया ख्याल

The bridge, constructed by MNREGA, gave the contractor, the check-in a

मनरेगा से बननी थी पुलिया, दिया ठेकेदार को, पेंमेंट के बाद कर रहे जांच की बात

बालकृष्ण अग्रवाल
पेंड्रा. मनरेगा के तहत लाखों रुपयों की लागत से किए जा रहे पुलिया निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार किए जाने का मामला सामने आया है। मनरेगा में 8 पुलिया का निर्माण कार्य ग्राम पंचायत के द्वारा कराया जाना था, पर अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते पुलिया निर्माण का काम ठेकेदारों को दिया गया। ठेकेदारों ने गुणवत्ता की अनदेखी कर पुलिया निर्माण कार्य कराया। वहीं पुलिया निर्माण में भ्रष्टाचार का खुलासा होने पर अधिकारी मामले से अनभिज्ञता जताते हुए मनरेगा का कार्य ठेकेदार के द्वारा करवाने को गंभीर बता रहे हैं और जांच के बाद कड़ी कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। यद्यपि विभाग ने ठेकेदार को पेमेंट भी कर दिया है।
गौरतलब है कि पेंड्रा जनपद पंचायत के घाटबहरा ग्राम पंचायत में 6 लाख 12 हजार रुपयों की लागत से 8 पुलिया का निर्माण कराया जाना था। पुलिया निर्माण का कार्य मनरेगा के तहत होना था। वहीं शासन के दिशा निर्देश के अनुसार तकनीकी सहायक (इंजीनयर) को मौके पर खड़े होकर अपने सामने पुलिया निर्माण करवाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों ने ठेकेदारों से मिलीभगत कर निर्माण कार्य करवा दिया। इस दौरान जमकर गुणवत्ता की अनदेखी की गई। इतना स्तरहीन निर्माण कार्य कराया गया कि पुलिया की ढलाई को हाथ से रगड़ो तो वह भूसे की तरह उखड़ रही है। ग्रामीणों की मानें तो गांवों में बरसात के समय नदियों में पानी भर जाता है, जिससे ग्रामीणों के लिए इन मार्गों पर आवागमन बन्द हो जाता है। ऐसे में ग्रामीणों को परेशानी से छुटकारा दिलाने घाटबहरा पंचायत में 6 लाख 12 हजार की लागत से 8 पुलियों का निर्माण कराने की स्वीकृति शासन द्वारा दी गई थी। लेकिन कमीशनखोरी के चक्कर में निर्माण कार्य की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को न देकर ठेकेदार को दिया गया। ग्रामीणों की शिकायत है कि पुलिया के बेस में क्रेशर मेटल गिट्टी का उपयोग होना था, फिर भी तकनीकी सहायक के सामने वहीं से पत्थर तोड़कर बेस में डाल कर ढलाई कर दी गई। छड़ और सीमेंट भी पर्याप्त मात्रा में नहीं डाला गया। इससे निर्माण के समय ही एक पुलिया बैठ गई, जिसको तकनीकी सहायक सोम ने अपने सामने रिपेयरिंग करवाकर सुधरवा दिया और ठेकेदारो को पूरा भुगतान करवा दिया गया।
&अभी इसी साल पुलिया का निर्माण हुआ है और पुलिया इतनी खराब बनी है कि हाथ से रगडऩे पर पूरा मटेरियल निकल रहा है।
रामप्रसाद , ग्रमीण घाटबहरा
&सिर्फ ठेकेदारों से मटेरियल लिया गया है। सभी पुलिया मेरे द्वारा बनवाई गई है और कोई अनियमितता नहीं हुई है। अभी किसी पुलिया का कोई पेमेंट भी नहीं हुआ है ।
तेज कुंवर, सरपंच घाटबहरा
&ठेकेदारों के द्वारा पुलिया का कार्य करवाया गया। इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। मैं अपने सामने पूरे काम को करवाया हूं। एक पुलिया थोड़ा डैमेज हो गई थी, जिसको सुधरवा दिया गया है और सभी पुलिया के आधे से अधिक लगभग 75 प्रतिशत भुगतान भी हो गया है
सोम, तकनीकी सहायक
&. मुझे अभी जानकारी मिली है। मैंने तकनलीकी सहायक को बोला है। जांच के बाद ही बता पाऊंगा। अगर मनरेगा का काम ठेकेदार से करवाया गया है तो ये गलत है। अभी मैं तकनीकी सहायक सोम से बात किया तो बोला कि तीन चार ठेकेदार ने मिल कर काम करवाया है। बाकी बातें जांच के बाद ही पता चल पाएगी।।
घृतलहरे, सीईओ जनपद पेंड्रा
&मुझे जानकारी नहीं है। जांच के बाद बता पाऊंगा।
प्रेम लाल पड़वार, एसडीओ आरईएस
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