अलग-अलग यूनिवर्सिटी का कोर्स बताकर करते हैं भ्रमित
डिजीटल वर्ड के नाम से संचालित कम्प्यूटर सेंटर में छात्र/छात्राओं ने बताया कि वहां की संचालिका के द्वारा बच्चों को झूठे वादे कर कोर्स कराया जाता है। उन्हे बिलासपुर यूनिवर्सिटी, डॉ. सीवी रमन यूनिवर्सिटी सहित विभिन्न कॉलेजो की मान्यता बताकर उन्हें अपने यहां प्रवेश करा लिया जाता है। वहीं छात्रवृत्ति की लालच देकर उन्हे मात्र 25 प्रतिशत पूरी पढ़ाई का शुल्क बताया जाता है। जब विद्यार्थियों को पढ़ते-पढ़ते दो से तीन माह हो जाता है तो उन्हें फीस लाने का दबाव डाला जाता और कहा जाता है कि आपका छात्रवृत्ति का पैसा कोर्स होने की बाद आएगा। पीजीडीसीए का एक वर्षीय डिप्लोमा में 20 हजार रुपए ऐंठ लिया जाता है। वहीं अन्य कोर्स में भी भारी भरकम फीस वसूली जाती है।
डिजीटल वर्ड के नाम से संचालित कम्प्यूटर सेंटर में छात्र/छात्राओं ने बताया कि वहां की संचालिका के द्वारा बच्चों को झूठे वादे कर कोर्स कराया जाता है। उन्हे बिलासपुर यूनिवर्सिटी, डॉ. सीवी रमन यूनिवर्सिटी सहित विभिन्न कॉलेजो की मान्यता बताकर उन्हें अपने यहां प्रवेश करा लिया जाता है। वहीं छात्रवृत्ति की लालच देकर उन्हे मात्र 25 प्रतिशत पूरी पढ़ाई का शुल्क बताया जाता है। जब विद्यार्थियों को पढ़ते-पढ़ते दो से तीन माह हो जाता है तो उन्हें फीस लाने का दबाव डाला जाता और कहा जाता है कि आपका छात्रवृत्ति का पैसा कोर्स होने की बाद आएगा। पीजीडीसीए का एक वर्षीय डिप्लोमा में 20 हजार रुपए ऐंठ लिया जाता है। वहीं अन्य कोर्स में भी भारी भरकम फीस वसूली जाती है।