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मुंगेली

राष्ट्रीय भाव बोध से प्रेरित कविताओं की कमी पर जताई चिंता

आयोजन: सम्मान समारोह, विचार गोष्ठी एवं कवि गोष्ठी

मुंगेलीJul 14, 2019 / 11:06 am

Murari Soni

Worried over the lack of national sentiment-inspired poems

राष्ट्रीय भाव बोध से प्रेरित कविताओं की कमी पर जताई चिंता

मुुंगेली. नगर के साहित्यकार राष्ट्रीय कवि संगम जिला इकाई मुंगेली के संयोजक देवेन्द्र सिंह परिहार के सम्मान समारोह, विचार गोष्ठी एवं कवि गोष्ठी कार्यक्रम जल संसाधन विभाग के प्रार्थना भवन बिलासपुर में आयोजित किया गया।
कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने देवेन्द्र सिंह परिहार को कम समय में कवि सम्मेलनों में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त करने, अखिल भारतीय स्तर के सम्मेलनों में संचालन करने तथा अनेक टीवी चैनलो में मंचीय शुचिता पवित्रता और अनुशासन को उद्घाटित करने में उनकी सफलता को रेखांकित किया। उन्होंने युवा कवियों के लिए 15 नवम्बर 2019 को नई दिल्ली में ‘दस्तक’ कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण देते हुए इस सूत्र वाक्य को याद रखने का मार्गदर्शन दिया-‘इतनी खूबसूरती से किरदार निभाओ अपना, पर्दा गिरने के बाद भी मंच पर तालियां बजती रहे।’ कवि संगम के राष्ट्रीय महामंत्री महेश शर्मा ने प्रदेश के २३ जिलो में राष्ट्र जागरण धर्म हमारा के मुख्य उद्देश्यों को पूरा करने में राष्ट्रीय कवि संगम की भूमिका और उसके महत्व की चर्चा की। अ.भा. संस्कृत एवं साहित्य विकास परिषद बिलासपुर के राष्ट्रीय महामंत्री बृजेश सिंह ने छंद प्रधान कविताओं के स्वर की सराहना की और गद्य कविता को कविता की सुंदरता में कमी लाने वाला कहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. विनय कुमार पाठक, भाषाविद समीक्षक और पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग ने हिन्दी साहित्य के इतिहास में राष्ट्रीय भाव बोध से अनुप्रेरित कविताओं की कमी के प्रति चिंता जताई और परिहार को बधाई दी। भारतेन्दु साहित्य समिति बिलासपुर अध्यक्ष आचार्य गिरधर शर्मा ने सम्मान का बीड़ा उठाने वाले के श्रम को सराहा और परिहार और दिनेश रोहित चतुर्वेदी (जांजगीर) को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम का संचालन राघवेन्द्र दुबे ने किया। संक्षिप्त कवि गोष्ठी में जयेन्द्र कौशिक, युगल किशोर लहरे, विक्रम राजपूत, अनीश चौबे, अंजली शर्मा, नितेश पात्रे, संस्कृति ठाकुर, प्रसन्न चोपड़ा, देवेन्द्र सिहं परिहार, महेन्द्र यादव, विपुल तिवारी, आशुतोष दुबे, अंकित कुश्वाह, बीना सिंह, तिलक राम साहू, भावेश देशमुख, हर्ष व्यास, श्रद्धा महंत, पुनीता दरियाना, विजय तिवारी व दिनेश रोहित चतुर्वेदी ने काव्य पाठ किया।
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