समिति करेगी नियमों की समीक्षा
इसके अलावा, बाजार में उत्पादों को रखने के तरीकों में सुधार, उत्पाद लाभ और संरचनाओं में सुधार करने के बारे में भी सोच जा रहा है। ऑथॉरिटी के अनुसार एक समिति सभी नियमों की समीक्षा करेगी। साथ ही एक रिपोर्ट तैयार करेगी जिसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। इस रिपोर्ट पर आम लोगों को टिप्पणियों के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसके बाद एक कार्यकारी समूह गठित किया जाएगा जो लोगो के फीडबैक पर काम करेगी। नियमित प्रीमियम उत्पादों के लिए न्यूनतम मृत्यु लाभ 7 गुना किया गया है। जबकि एकल प्रीमियम उत्पादों के लिए यह 1.25 गुना होगा।यह लाभ सभी उम्र वालों के लिए एक जैसा ही होगा।
ये होंगे बदलाव
1. रेगुलर प्रिमियम की तुलना में मृत्यु के बाद न्यूनतम फायदा 7 गुना अधिक होगा। सिंगल प्रिमियम प्रोडक्ट्स की तुलना में यह 1.25 गुना अधिक होगा।
2. 2 साल बाद भी नाॅन-लिंक्ड पाॅलिसी की गारंटीड सरेंडर
3. रिवाइवल पीरियड को दो साल से बढ़ाकर पांच साल हुआ।
4. पेंशन प्रोडक्ट के लिए कम्युटेशन में 60 फीसदी तक सीमा
5. सेटलमेंट आॅप्शन पीरियड को 10 साल तक के लिए बढ़ाया गया।
सभी आयु वर्ग के लिए न्यूनतम लाइफ कवर को वार्षिक प्रिमियम की तुलना में 7 गुना बढ़ाया गया (45 साल से कम उम्र के लोगों के लिए यह 10 गुना)। मौजूदा समय में 45 साल के किसी भी व्यक्ति के लिए कुल लाइफ कवर उसकी कमार्इ का 10 गुना होता है। वहीं 45 साल से उपर की उम्र के लिए 7 गुना ही होता है। हालांकि इसे सभी के लिए 7 गुना करने का प्रस्ताव दिया गया है। अभी तक यह बात साफ नहीं हो पाया है कि इससे टैक्स में क्या फायदे होंगे आैर क्या ये नया प्रस्ताव आयकर अधिनियम के सेक्शन 80C के तहत होगा या नहीं। ग्राहकों के दृष्टिकोण से इसी का फायदा हो सबसे अधिक होगा।
पेंशन पाॅलिसीधारकों को किसी इंश्योरर से एन्युटी खरीदने की अनुमति मिल जाएगी। इसके साथ ही उन्हें 60 फीसदी का कम्युटेशन की भी अनुमति होगी। इसे एक बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि मौजूदा समय में यदि आप कोर्इ पेंशन प्रोडक्ट खरीदते हैं तो इसे आपको उसी को इंश्योरर से पाॅलिसी रिन्यू करना होती थी। लेकिन इसके बाद अब इश्योरेंस बाजार में प्रतिस्पर्धा भी पहले से अधिक बढ़ जाएगा।
लिंक्ड पेंशन के मामले में थोड़े विड्राॅल की अनुमति – इससे उन लोगों को सबसे बड़ा फायदा यह होगा उसे जरूरत के समय में उसके पास अपने पैसों का कुछ हिस्सा विड्रा करने की अनुमति होगी। इसमें यदि पाॅलिसीधारक को कोर्इ बीमारी हो जाती है, किसी एक्सीडेंट में हमेशा के लिए अपंगता हो जाती है या फिर कोर्इ दूसरा बड़ा हादसा हो जाता है तो उसे पैसे मिल सकते हैं।
पाॅलिसी खरीदने के बाद पाॅलिसीधारक को अवधि में बदलाव करने की सुविधा- इरडा का यह कदम उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद होगा जो अपने पाॅलिसी की अवधि में बदलाव करना चाहते हैं। आमतौर पर लागे किसी एक प्रोडक्ट में निवेश करते समय एक खास अवधि व अपने गोल को ध्यान में रखते हैं। लेकिन समय बदलने के साथ ही उनके गोल व अवधि में कर्इ बाद बदलाव की आवश्यकता होती है।