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कार आैर बाइक की थर्ड पार्टी बीमा कवर में होने वाले हैं बदलाव, एक सितंबर से लागू होंगे नए नियम

locationनई दिल्लीPublished: Jul 26, 2018 02:05:17 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

दोपहिया आैर चारपहिया वाहनों के बीमा कवर की अवधि बढ़ाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) को साफ नि्रदेश दिए हैं।

Vehicle Inusrance

कार आैर बाइक थर्ड पार्टी बीमा कवर में होने वाले हैं बदलाव, एक सितंबर से लागू होंगे नए नियम

नर्इ दिल्ली। अगर आप 1 सितंबर या उसके बाद नर्इ कार या बाइक खरीदते हैं आैर थर्ड पार्टी बीमा खरीदते हैं तो आपको कार पर 3 साल के लिए आैर बाइक पर 5 साल के लिए बीमा कवर लेना अनिवार्य होगा। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय बीमा नियामक आैर विकास प्राधिकरण (IRDAI) को साफ-साफ निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि एक सिंतबर से थर्ड पार्टी के नए नियम को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके पहले यानी मौजूदा समय में सभी दोपहिया वाहनों पर एक से साल से अधिक अवधि वाला ही बीमा कवर उपलब्ध है।


कमिटी की सिफारिशों पर कोर्ट ने लिया फैसला
सड़क सुरक्षा पर एक कमिटी की सिफारिशों का उल्लेख करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये बात कही है। इस सिफारिश में कहा गया था कि दोपहिया आैर चारपहिया वाहनों की बिक्री के समय थर्ड पार्टी बीमा को एक साल की जगह क्रमशः 5 साल व 3 किया जाना चाहिए। कमिटी ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि फिलहाल देश में 18 करोड़ वाहनों में से केवल 6 करोड़ वहनों के पास ही थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर उपलब्ध है। बतो दें कि किसी भी दो हिस्से होते हैं। पहला थर्ड पार्टी लायबिलिटी कवर आैर दूसर आॅन डैमेज। थर्ड पार्टी बीम कवर वाहन से किसी तीसरे पक्ष को हुए नुकसान की भरपार्इ करता है। यह वाहन के मालिक को होने वाले किसी भी क्षति को कवर नहीं करता है।


मोटर व्हीकल बिल में होना हैं संशोधन
अापको बात दें कि फिलहाल मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल संसद में पेंडिंग है। राज्य सभा सा पारित होने के बाद इस बिल में संशोधन से देश के रोड पर गाड़ी चलाना लोगाें के लिए आैर सुरक्षित हो जाएगा। इस बिल में रोड पर नियमानुसान नहीं चलने पर लगने वाले कर्इ पेनाल्टी में भारी बढ़ोतरी किए जाने का प्रावधन है। इसके साथ खराब आैर पुरानी वाहनों को रोड से पूरी तरह से हटाने का भी प्रावधान है। यदि संसद में इस बिल को पारित कर दिया जाता है तो लगभग 30 साल पुराने मोटर व्हीकल बिल में कर्इ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

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