कमिटी की सिफारिशों पर कोर्ट ने लिया फैसला
सड़क सुरक्षा पर एक कमिटी की सिफारिशों का उल्लेख करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये बात कही है। इस सिफारिश में कहा गया था कि दोपहिया आैर चारपहिया वाहनों की बिक्री के समय थर्ड पार्टी बीमा को एक साल की जगह क्रमशः 5 साल व 3 किया जाना चाहिए। कमिटी ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि फिलहाल देश में 18 करोड़ वाहनों में से केवल 6 करोड़ वहनों के पास ही थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर उपलब्ध है। बतो दें कि किसी भी दो हिस्से होते हैं। पहला थर्ड पार्टी लायबिलिटी कवर आैर दूसर आॅन डैमेज। थर्ड पार्टी बीम कवर वाहन से किसी तीसरे पक्ष को हुए नुकसान की भरपार्इ करता है। यह वाहन के मालिक को होने वाले किसी भी क्षति को कवर नहीं करता है।
मोटर व्हीकल बिल में होना हैं संशोधन
अापको बात दें कि फिलहाल मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल संसद में पेंडिंग है। राज्य सभा सा पारित होने के बाद इस बिल में संशोधन से देश के रोड पर गाड़ी चलाना लोगाें के लिए आैर सुरक्षित हो जाएगा। इस बिल में रोड पर नियमानुसान नहीं चलने पर लगने वाले कर्इ पेनाल्टी में भारी बढ़ोतरी किए जाने का प्रावधन है। इसके साथ खराब आैर पुरानी वाहनों को रोड से पूरी तरह से हटाने का भी प्रावधान है। यदि संसद में इस बिल को पारित कर दिया जाता है तो लगभग 30 साल पुराने मोटर व्हीकल बिल में कर्इ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।