scriptमुजफ्फरनगर दंगा: सबूतों के अभाव में 20 आरोपी और बरी, अब तक 99 केस में 1198 आरोपमुक्त | 20 more accused acquitted in case related to muzaffarnagar riots | Patrika News

मुजफ्फरनगर दंगा: सबूतों के अभाव में 20 आरोपी और बरी, अब तक 99 केस में 1198 आरोपमुक्त

locationमुजफ्फरनगरPublished: Oct 21, 2021 02:00:14 pm

Submitted by:

lokesh verma

Muzaffarnagar Riots : 2013 में मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक दंगों से जुड़े एक केस में अदालत ने 20 और आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमलापति ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ अभियोजन पक्ष उचित साक्ष्य पेश करने में असफल रहा है। इसलिए सभी को आरोपमुक्त किया जाता है।

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मुजफ्फरनगर. Muzaffarnagar Riots : 2013 में मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक दंगों से जुड़े एक केस में अदालत ने 20 और आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमलापति ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ अभियोजन पक्ष उचित साक्ष्य पेश करने में असफल रहा है। इसलिए आरोपियों को आरोपमुक्त करते हुए बरी किया जाता है।
दरअसल, 20 आरोपियों के खिलाफ 8 सितंबर 2013 को फुगाना थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। इन सभी पर पड़ोसी अब्दुल हसन के घर घुसकर गला काटने के बाद हसन की गोली मारकर हत्या करनेे का आरोप था। मृतक के भाई की तहरीर पर ये केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने आरोपियों पर 6 लाख रुपये के सोने के जेवर लूटने का भी आरोप लगाया था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमलापति की अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में दुष्यंत, कपिल, अजय, विकास रविंदर, अमित, राहुल, राजीव, जयपाल, सचिन, अनुज, सुधीर, बारू, मोहित और कुलदीप समेत पांच अन्य आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया। बताया जा रहा है कि सभी आरोपी लांक गांव के रहने वाले हैं।
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बता दें कि मुजफ्फरनगर दंगों के मामलों में अदालत अब तक 99 केस में फैसला सुना चुकी है। जिनमें सबूतों के अभाव में 1,198 आरोपियों को बरी किया जा चुका है। जबकि 27 अगस्त 2013 को दो लोगों सचिन और गौरव की हत्या के मामले में सात आरोपियों को फरवरी 2019 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। ऐसा माना जाता है कि इसी घटना के बाद मुजफ्फरनगर में दंगे हुए थे और 60 लोग मारे गए थे। जबकि हजारों लोग विस्थापित हुए थे।
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