जानकारी के अनुसार, गांव बिलासपुर के मोहल्ला रमजानपुरा निवासी तारबुद्दीन मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता है। बताया गया है कि तराबुद्दीन ने एक प्लाट खरीदकर उसपर मकान बनाया था। उसकी छत कच्ची थी। बुधवार को तराबुद्दीन मजदूरी पर गया हुआ था, जबकि उसकी पत्नी व बच्चे घर पर मौजूद थे। तराबुद्दीन की पत्नी घर पर सिलाई कर रही थी, जबकि पडोस की रहने वाली परवीन पत्नी वकीलू अपने 8 वर्ष के बच्चे के साथ उसके घर पर सिलाई करने के लिए पहुंची थी। इसके अलावा पडोस के कुछ बच्चे भी तराबुदीन के घर खेल रहे थे।
घर में तराबुद्दीन की बेटियां रूहीना, सानिया, रूबीना, बेटा अरमान (05) के साथ ही वकीलू की बेटी सना (05) व जोया (03) मौजूद थे। इनके अलावा पडोस में रहने वाले मोहसिन का बेटा अमन (08) भी तारबुद्दीन के घर खेल रहा था। बताया गया है कि उसी दौरान छत भरभराकर गिर गई। हादसे के दौरान बारिश हो रही थी। छत गिरने के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई। आस-पास के लोगों ने दबे लोगों को निकालने का प्रयास किया। घटना की सूचना मिलने पर एसडीएम सदर कुमार धर्मेन्द्र, सीओ सिटी योगेन्द्र कुमार सिंह समेत अन्य पुलिस व प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा।
मकान के मलबे में दबे बच्चों व महिलाओं को निकाला गया। इस हादसे में तराबुद्दीन की बेटी साजिनया, रूबीन, पत्नी, प्रवीन पत्नी वकीलू घायल हो गई। घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। घायलों को तत्काल उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने अरमान, अमन समेत तीन को मृत घोषित कर दिया। एसडीएम अमित कुमार ने बताया कि तीनों मृतकों के परिजनों को आपदा के तहत 4-4 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि लेखपाल को गांव के ऐसे सभी घरों को चिन्हित कर खाली कराने के निर्देश दिए गए है, जिनके मकान कच्चे है।