बता दें कि 14 अक्टूबर 2018 को थाना शाहपुर क्षेत्र के गांव तावली में विपिन सिंह बलियान ने आम आदमी पार्टी की बड़ी सभा कराई थी। इसमें शत्रुघन सिंहा, यशवंत सिंहा, संजय सिंह और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत दर्जनों नेता शामिल हुए थे। सभा के बाद उन्हें पार्टी का प्रदेश प्रवक्ता बनाया गया था। कुछ दिनों बाद ही किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सुत्रों की माने तो इस्तीफे के पीछे मुजफ्फरनगर के सांसद डॉ संजीव बालियान के साथ उनकी राजनीतिक लड़ाई मानी जा रही है।
उन्होंने आम आदमी पार्टी जॉइन की थी, मगर लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा और रालोद का गठबंधन होने के कारण और मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट रालोद के खाते में जाने की चर्चा को लेकर संजीव बालियान के सामने चौधरी अजीत सिंह को मजबूती से चुनाव लड़ाने के लिए भी यह कदम उठाया है। क्योंकि सांसद संजीव बालियान और विपिन सिंह बालियान एक-दूसरे के विरोधी माने जाते है। विपिन सिंह बालियान का कहना है कि वे मुजफ्फरनगर लोकसभा चुनाव में चौधरी अजीत सिंह का समर्थन करेंगे। इसलिए उन्होंने आम आदमी पार्टी के दोनों पदों से इस्तीफा दे दिया है