प्रेम के प्रतीक की तरह देखा जाता है सारस को
सारस को प्रेम निभाने वाले पक्षी के तौर पर देखा जाता है। सारस जिंदगी में एक बार जिसे अपना साथी चुनता है, उसी के साथ उम्रभर रहता है। सारस अपने साथी से बिछुड़ने पर दूसरे से रिश्ता नहीं जोड़ता। सारस के जोड़े में से एक साथी मर जाए तो दूसरा खाना पीना छोड़कर उसका दुख मनाता है। कई बार तो इससे दूसरे सारस की भी मौत हो जाती है।
शादी के बाद कपल करता है दर्शन
देश के कई हिस्सों में सारस को पति-पत्नी के प्रेम के आदर्श के तौर पर देखा जाता है। गुजरात के कई गांवों में तो शादी के बाद नवविवाहित जोड़े सारस के जोड़े का दर्शन करने जाते हैं।
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कई देशों में पाया जाता है सारस
सारस भारत, पाकिस्तान समेत एशिया के कई देशों में पाया जाता है। भारत में सारस की आबादी दुनिया में सबसे ज्यादा है। सारस को एक और बात दूसरे पक्षियों से अलग करती है। वो ये कि सारस के पैर और चोंच एक साथ चलते हैं।