यह भी पढ़ें- नरेश टिकैत बोले- गर्म माहौल के बीच गांवों में न जाएं भाजपा नेता, हो सकती है अप्रिय घटना केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान सोमवार को अपने समर्थकों के साथ थाना शाहपुर क्षेत्र के ऐतिहासिक गांव सोरम में एक तेरहवीं में गए हुए थे। जहां गांव के ही कुछ युवकों ने किसान एकता जिंदाबाद और भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद से लेकर चौधरी राकेश टिकैत और चौधरी नरेश टिकैत जिंदाबाद के नारे लगा दिए, जिससे नाराज होकर भाजपा समर्थकों ने उनकी पिटाई कर दी। घटना के दौरान पुलिस भी मौके पर मौजूद थी। मामला बढ़ता देख पुलिस ने भी लाठीचार्ज कर लोगों को खदेड़ दिया और संजीव बालियान मुजफ्फरनगर लौट आए। घटना के कुछ ही समय बाद राष्ट्रीय लोक दल के पूर्व विधायक राजपाल बालियान, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, पूर्व मंत्री धर्मवीर सिंह बालियान समेत भारतीय किसान यूनियन के नेता भी सौरम में पहुंच गए। इसके बाद पहले तो ऐतिहासिक चौपाल पर पंचायत की गई। उसके बाद शाहपुर थाने का घेराव किया गया। इस दौरान रालोद नेताओं ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए थाने में तहरीर दी, मगर पुलिस जांच की बात कहती रही। मामला इतना गरमाया कि दिल्ली तक पहुंच गया। रालोद की ओर से 26 फरवरी को सोरम गांव में महापंचायत की घोषणा कर दी गई है।
भाजपा के लोग ना करें झगड़ा: नरेश टिकैत भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत और रालोद के जिला अध्यक्ष अजीत राठी मंगलवार की सुबह सौरम गांव में पहुंचे। जहां उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत कर मामले का निपटारा करने की बात कही। इस दौरान नरेश टिकैत ने कहा कि इस मामले को वह सुलझा लेंगे, लेकिन जिस तरह प्रत्येक गांव में भाजपा का विरोध हो रहा है, ऐसे में भाजपा के लोगों को समझना चाहिए कि किसी तरह का झगड़ा ना करें।
भाजपाई कर रही गुंडागर्दी- चौधरी अजित सिंह राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह भी गांव सोरम में पहुंचे। जहां उन्होंने पीड़ित परिजनों से मुलाकात की और उन्हें डटे रहने की सलाह दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग गांव में आते हैं और गुंडागर्दी के दम पर लोगों से बात करते हैं, जो पूरी तरह से गलत है, ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने कृषि कानूनों का भी विरोध करते हुए वापस लेने की मांग की है।
रालोद की सोची-समझी साजिश: डॉ. संजीव बालियान केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने इस मामले की बारीकी से जांच करने की मांग की करते हुए कहा है कि यह रालोद की सोची-समझी साजिश थी। रालोद क्षेत्र का माहौल खराब करना चाहती है। गांव के उन युवकों को नारे लगाने के लिए किसने कहा था? बालियान ने भावुक होते हुए कहा कि वह यहीं पैदा हुए और यही मरेंगे। जब तक आप राजनीति करने के लिए कहेंगे, तब तक राजनीति करेंगे। क्षेत्र में कोई आपसी सद्भाव खराब न हो, सब लोगों को एक साथ मिलकर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि नारे लगाने वाले युवक भी हमारे ही हैं, हम उनके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। जांच के बाद जो भी बात निकलकर आएगी वह भी मैं सबके सामने ही रखूंगा।