बतादें कि एक व दो अक्टूबर 1994 की रात को उत्तराखंड को पृथक राज्य बनाने की मांग के लिए उत्तराखंड से शांतिपूर्वक तरीके दिल्ली जा रहे उत्तराखंड के आंदोलनकारियों पर तत्कालीन उत्तर प्रदेश की मुलायम सिंह सरकार के आदेश पर गोलियां चला दी गई थी। इस हिंसा में सात आंदोलनकारी घटना के दौरान शहीद हो गए थे और दर्जनों आंदोलनकारी घायल हुए थे। इस आंदोलन में लगभग 13 आंदोलनकारी शहीद हुए थे और लगभग चार दर्जन आंदोलनकारी घायल हुए थे। मुजफ्फरनगर में हुई इस घटना में शहीद हुए आंदोलनकारियों की स्मृति में उत्तराखंड में सरकार की स्थापना के तुरंत बाद थाना छपार क्षेत्र के रामपुर तिराहा पर शहीद स्मारक का निर्माण कराया गया था। यहां प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर यानी महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री इन शहीदों को भी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।
यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले जन आशीर्वाद यात्रा का यात्रा का शुभारंभ इसी आंदोलनकारियों की धरती से किया है। केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि शहीदों की वजह से उत्तराखंड राज्य मिला है उनको नमन व श्रद्धांजलि देने के लिए हम यहां आए हैं इनका आशीर्वाद लिए बिना हम आगे नही बढ सकते है। जनता ने हमें सांसद चुना और इसके बाद हमारी केंद्र में सरकार बनी। बिना जन आशीर्वाद के कुछ नही हो सकता है, इसी नाते से हम सभी लोग जगह-जगह पुरे देश में जनता का आशीर्वाद लेने जा रहे है, ताकि भविष्य में जिस तरह से केंद्र सरकार व राज्य सरकारें जन हित के कार्य कर रही है इसके लिए हमें हमेशा जनता का समर्थन मिलता रहे। उन्हाेंने बताया कि यात्रा हरिद्वार,देहरादून, हरिद्वार देहात, उसके बाद कुमाऊं क्षेत्र के प्रवेश करेगी। यूपी में यात्रा नजीबाबाद, काशीपुर, जसपुर, धामपुर जाएगी। जन आशीर्वाद यात्रा शामिल लोग जनता से प्यार व स्नेह हमारें मांगेगे और भाजपा के कार्यों काे बखान करेंगे।