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BKU मुखिया नरेश टिकैत का तुगलकी फरमान, ‘शादी समारोह में BJP नेता को न्यौता देने वाले पर लगाया जाएगा दंड’

locationमुजफ्फरनगरPublished: Feb 18, 2021 10:39:54 am

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights:
-भाकियू की मासिक पंचायत में भाजपा पर जमकर बरसे नरेश टिकैत
-बोले- यह हमारी पगड़ी की लड़ाई है और हमें अपनी जमीन बचानी है
-किसानों की मृत्यु को लेकर पीएम मोदी पर भी साधा निशाना

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

मुजफ्फरनगर। जनपद में बुधवार को भारतीय किसान यूनियन का गढ़ कहे जाने वाले कस्बा सिसौली स्थित किसान भवन में भाकियू की मासिक पंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में आसपास के क्षेत्र के किसानों ने भाग लिया। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत भाजपा नेताओं पर भड़कते हुए नजर आए। इतना ही नहीं, उन्होंने भाजपा नेताओं को लेकर एक तुगलकी फरमान तक जारी कर दिया। जिसमें कहा गया कि कोई भी किसी शादी समारोह या तेहरवीं में भाजपा नेताओं को नहीं बुलाएगा। ऐसा करने वाले पर दंड स्वरूप अगले दिन 100 लोगों के खाना बनावाया जाएगा।
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पंचायत में चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि कोई भी भाई किसी भी गांव में भाजपा नेताओं को शादी विवाह व तेहरवीं की चिट्ठी नहीं देगा। अगर कोई व्यक्ति चिट्ठी देने का दोषी पाया जाता है तो अगले ही दिन वह अपने घर पर 100 आदमियों का खाना बनवाया जाएगा। जो कि उसको दंड के रूप में देना होगा। किसान आंदोलन मान सम्मान की लड़ाई हो गया है। यह हमारी पगड़ी की लड़ाई है। हमें अपनी जमीन बचानी है, अपनी इज्जत बचानी है। इसलिए हम इस आंदोलन को और भी मजबूती के साथ लड़ने का काम करेंगे। प्रत्येक गांव से एक ट्राली और 15 किसान 10 दिन के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर जाएंगे, जब 10 दिन बाद पहली ट्राली वापस आए तो अगली ट्राली प्रत्येक गांव से जाने के लिए तैयार रहे। इस बीच जिसका जो कार्य है वह भी अपना चलता रहे और आंदोलन में भी संख्या कम ना हो।
उन्होंने व्यंग भाषा में कहा कि पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी नेता बहुत जोर जोर से जय श्रीराम के नारे लगाते हैं, जबकि श्रीराम के वंशज रघुवंशी गोत्र के किसान दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे हैं। मगर उनसे मिलने का समय उनके पास नहीं है और ना ही किसानों से बात करने का। 200 से ज्यादा किसान दिल्ली बॉर्डर पर अलग-अलग जगह शहीद हो चुके हैं, लेकिन देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने एक बार भी इन शहीद किसानों के प्रति अपनी संवेदना वक्त नहीं की है। किसान जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक दिल्ली बॉर्डर पर डटा रहेगा और आंदोलन चलता रहेगा।
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टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली के दाम पड़ोसी राज्यों से ज्यादा हैं और डीजल के दाम भी आसमान छू चुका है। ऐसे में किसान बर्बाद नहीं होगा तो और क्या होगा। बैंक के कर्ज के नीचे किसान दबा हुआ है। 4 साल से यूपी में गन्ने के रेट में भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। किस प्रकार किसान अपना बैंक का कर्ज उतरेगा और कैसे अपना गुजारा करेगा। हम तो अपने खाते से जो सरकार ने 10 रुपये बढ़ाए थे उन 10 रुपयों का जितना हिसाब बनता है, पैसा बनता है, वह हम राजकीय कोष में जमा करवा देंगे और किसानों से अनुरोध करके पैसा राजकीय कोष में जमा करवा दिया जाएगा। अगर इस प्रकार से भी सरकार का घाटा पूरा होता है तो हम पैसा वापसी करने के लिए भी तैयार हैं।
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