यूनियन के अध्यक्ष उदयबीर ने कहा कि ईंट भट्टों पर कार्य करने वाले मजदूरों का भट्टा मालिकों के द्वारा लगातार शोषण और उत्पीड़न किया जा रहा है। महंगाई बढ़ने के बाद भी ईंट पथाई रेट में कोई इजाफा नहीं किया जा रहा है। इससे मजदूरों को आर्थिक रूप से भी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने इस सम्बंध में ईंट निर्माता समिति के पदाधिकारियों के साथ ईंट भट्टा कामगार यूनियन व अन्य संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कराकर समस्याओं का निराकरण का प्रयास किया था, लेकिन इन बैठकों में तय हुए बिन्दुओं पर ईंट भट्टा निर्माता एसोसिएशन ने अमल नहीं किया है, जिस कारण मजदूरों को उत्पीड़न सहना पड़ रहा है।
धरना प्रदर्शन में यूनियन के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि भट्टा मजदूरों की समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जायेगा। धरना प्रदर्शन के उपरांत भट्टा मजदूरों ने जिलाधिकारी के नाम एक ज्ञापन दिया, जिसमें ईंट पथाई रेट कम से कम 700 रुपये प्रति हजार कराने, ईंट भराई रेट मजदूरी 250 रुपये प्रति हजार देने, निकासी मजदूरी 300 रुपये प्रति हजार, रापिसिया की मजदूरी 18 हजार रुपये प्रतिमाह, जलाई मिस्त्री की मजदूरी 20 हजार रुपये प्रतिमाह, मुंशी का वेतन 18 हजार रुपये प्रतिमाह कराने की मांग की गयी है। इसके अतिरिक्त यूनियन ने कहा कि ईं भट्टों पर मजदूरों व उनके परिवार के रहने के लिए साफ सुधरे कमरे, पीने का पानी एवं शौचालयों की उचित व्यवस्था भी करायी जाये। उन्होंने जिलाधिकारी से उक्त बिन्दुओं पर चर्चा के लिए जल्द ही भट्टा मालिको ंके साथ मीटिंग बुलाने का आग्रह भी किया है।
धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से उदयबीर सिंह, सुभाष उपाध्याय, शमशाद अहमद, हरबीर सिंह, सेवाराम, धर्मवीर, विनोद कुमार, राजीव सिंह, ओम सिंह, गुलाम हसन, ओमकार, राजकुमार, समन्दर सिंह, देशराज सिंह, हरबी सिंह, लाखन, राजपाल सहित सैंकड़ों ईंट भट्टा मजदूर शामिल रहे।