scriptBKU की महापंचायत से पहले जाटों की गठवाला खाप में टकराव, एक ने विरोध तो दूसरे ने किया समर्थन का ऐलान | clash in the gathwala khap before the mahapanchayat of bku | Patrika News

BKU की महापंचायत से पहले जाटों की गठवाला खाप में टकराव, एक ने विरोध तो दूसरे ने किया समर्थन का ऐलान

locationमुजफ्फरनगरPublished: Aug 23, 2021 11:51:47 am

Submitted by:

lokesh verma

भाजपा विधायक उमेश मलिक पर हुए हमले के विरोध में आए गठवाला खाप के मुखिया तो खाप के दूसरे ने गुट ने किया भाकियू का समर्थन।

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मुजफ्फरनगर. केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानूनों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक और भाजपा को समर्थन करने वाले किसानों और किसान आंदोलन के समर्थन में खड़े किसानों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है तो वहीं अब किसान आंदोलन की यह लड़ाई खाप पंचायतों तक भी पहुंच गई है। पिछले दिनों सिसौली में भाकियू के विरोधी संगठन जन कल्याण समिति की पंचायत शामिल होने पहुंचे बुढ़ाना से भाजपा विधायक उमेश मलिक की गाड़ी पथराव के बाद गठवाला खाप दो हिस्सों में बंटती नजर आ रही है। एक गुट ने जहां 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत का विरोध किया है तो वहीं दूसरे गुट समर्थन में खड़ा हो गया है।
बता दें कि गठवाला खाप के मुखिया चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक ने भाजपा विधायक उमेश मलिक से सिसौली में हुई अभद्रता को लेकर 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत का बहिष्कार किया है। 17 अगस्त को गठवाला खाप के गांव खरड़ में हुई एक पंचायत में भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत द्वारा भाजपा विधायक को लेकर की गई टिप्पणी पर माफी मांगने की बात कही गई थी। वहीं 22 अगस्त को गठवाला खाप के ही गांव खरड़ में दोबारा हुई पंचायत में किसान महापंचायत को समर्थन देते हुए गठवाला खाप से भारी संख्या में मुजफ्फरनगर महापंचायत में पहुंचने का आव्हान किया गया। पंचायत में बावड़ी खाप के थाम्बेदार चौधरी श्याम सिंह सहित गठवाला खाप के कई थाम्बों के मुखिया और भारी संख्या में लोग पहुंचे। इस दौरान सर्वसम्मति से किसान आंदोलन को किसानों की लड़ाई करार देते हुए समर्थन करने की बात कही गई।
समाज को तोड़ने का आरोप

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वहीं, दूसरी ओर शामली के लिसाड़ गांव में गठवाला खाप के चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक के आवास पर भी एक पंचायत बुलाई गई। उसमें गठवाला खाप के मुखिया चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि वे लोग समाज को तोड़ना चाहते हैं और हम इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने फिर किसान आंदोलन का समर्थन नहीं करने की बात दोहराई। अब देखना होगा कि गठवाला खाप की अलग-अलग पंचायतों में लिए गए फैसले के बाद मुजफ्फरनगर महापंचायत में कितनी भीड़ उमड़ती है।
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