बता दें कि गठवाला खाप के मुखिया चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक ने भाजपा विधायक उमेश मलिक से सिसौली में हुई अभद्रता को लेकर 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत का बहिष्कार किया है। 17 अगस्त को गठवाला खाप के गांव खरड़ में हुई एक पंचायत में भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत द्वारा भाजपा विधायक को लेकर की गई टिप्पणी पर माफी मांगने की बात कही गई थी। वहीं 22 अगस्त को गठवाला खाप के ही गांव खरड़ में दोबारा हुई पंचायत में किसान महापंचायत को समर्थन देते हुए गठवाला खाप से भारी संख्या में मुजफ्फरनगर महापंचायत में पहुंचने का आव्हान किया गया। पंचायत में बावड़ी खाप के थाम्बेदार चौधरी श्याम सिंह सहित गठवाला खाप के कई थाम्बों के मुखिया और भारी संख्या में लोग पहुंचे। इस दौरान सर्वसम्मति से किसान आंदोलन को किसानों की लड़ाई करार देते हुए समर्थन करने की बात कही गई।
समाज को तोड़ने का आरोप यह भी पढ़ें-
गन्ना किसानों की मदद के लिये योगी सरकार का बड़ा कदम, ऑनलाइन घोषणा पत्र भरवाने के लिये लगाए पर्यवेक्षक वहीं, दूसरी ओर शामली के लिसाड़ गांव में गठवाला खाप के चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक के आवास पर भी एक पंचायत बुलाई गई। उसमें गठवाला खाप के मुखिया चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि वे लोग समाज को तोड़ना चाहते हैं और हम इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने फिर किसान आंदोलन का समर्थन नहीं करने की बात दोहराई। अब देखना होगा कि गठवाला खाप की अलग-अलग पंचायतों में लिए गए फैसले के बाद मुजफ्फरनगर महापंचायत में कितनी भीड़ उमड़ती है।