मीरापुर एनकाउंटर के बाद कुख्यात भूपेन्द्र बाफर समेत चार बदमाश गिरफ्तार
पुलिस पूछताछ में संजय पंवार ने उगले चौंकाने वाले राज
प्रेसवार्ता के दौरान एसएसपी अभिषेक यादव ने किया खुलासा
मुजफ्फरनगर. मुजफ्फरनगर में पिछले दिनों दरोगा को गोली मारकर पुलिस हिरासत से छुडाए गए रोहित सांडू को फरार कराने का मकसद वेस्ट यूपी के माफिया सुशील मूंछ की हत्या कराना था। पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए सांडू की फरारी के मामले में कुख्यात भूपेन्द्र बाफर सहित चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं सांडू को फरार करने में अहम भूमिका निभाने वाले दो बदमाश मीरापुर में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में घायल हो गए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव तथा पुलिस अधीक्षक नगर सतपाल आंतिल ने मीरापुर एनकाउंटर के बाद बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि 2 जुलाई को न्यायालय में पेशी के दौरान कुख्यात रोहित उर्फ सांडू को भगाने व विरोध करने पर दरोगा को गोली मारने के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि बदमाश भूपेंद्र बाफर उर्फ प्रमुख पुत्र राजेंद्र निवासी ग्राम बाफर थाना जानी मेरठ, अक्षित देशवाल पुत्र नीरज कुमार निवासी ग्राम बसेड़ा थाना छपार मुजफ्फरनगर, रवि राठी पुत्र रविंदर राठी निवासी ग्राम सोंटा तथा संजय पंवार पुत्र धर्मपाल निवासी बनियों वाली गली सकौती दौराला मेरठ को पकड़ा गया है। पुलिस ने इस मामले में सबसे पहले संजय पंवार को गिरफ्तार किया, जिसके बाद इस मामले की एक के बाद एक कड़ियां जुड़ती चली गई।
इस तरह बनाई गई सांडू को छुड़ाने की योजना पुलिस से पूछताछ में संजय पंवार ने बताया कि वह यशपाल राठी की हत्या के मामले में जेल में बंद विक्की राठी उर्फ अनिरुद्ध को अच्छी तरह जानता है। संजय उनकी कचहरी एवं जेल की मिलाई का कार्य करता है, जिसकी एवज में भूपेंद्र उसे अच्छे पैसे देता था। भूपेंद्र व विक्की राठी ने संजय पंवार से कहा कि वह तीन-चार लोगों को अपने पास रखें। जब रोहित सांडू कोर्ट में तारीख पर आएगा तो उसे किसी भी कीमत पर पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया जाएगा। योजना के अनुसार 22 जून को शुभम पुत्र रामवीर सिंह निवासी ग्राम सोंटा तथा अमित उर्फ कुक्की पुत्र ईश्वर सिंह निवासी सम्भालका पानीपत अपने दो और साथी बदमाशों के साथ संजय पंवार के घर आए। उन्होंने वहीं रोहित सांडू को छुड़ाने की योजना बनाई।
योजना के अनुसार छुड़ाया गया सांडू रोहित सांडू को छुड़ाने के लिए एक गाड़ी की जरूरत महसूस होने पर बदमाश पानीपत गए और वहां से एक सियाज गाड़ी लूटकर वापस आ गए। सियाज गाड़ी को संजय ने अपने घर के पास ही छिपाकर खड़ी कर दी। 2 जुलाई को जब मिर्जापुर पुलिस रोहित सांडू को मुजफ्फरनगर न्यायालय में पेशी पर लेकर आई तो वापस जाते समय जानसठ में भूपेंद्र बाफर तथा विक्की राठी ने योजना के अनुसार पुलिस पार्टी पर फायरिंग करते हुए रोहित सांडू को छुड़ा लिया तथा दरोगा दुर्ग विजय सिंह को गोली मारकर घायल कर दिया। इसके बाद उपचार के दौरान दरोगा दुर्ग विजय सिंह की मौत हो गई।
झोलाछाप डाॅक्टर से कराया था शुभम का इलाज रोहित सांडू को छुड़ाने के दौरान पुलिस की ओर से चलाई गई गोली पीठ में लगने से शुभम घायल हो गया। कुछ किलोमीटर दूर जाने के बाद बदमाश दो हिस्सों में बंट गए। उन्होंने सियाज गाड़ी को गांव जटवाड़ा के जंगल में छोड़ दिया। इसके बाद अमित उर्फ कुक्की, शुभम, अक्षय देशवाल और रवि राठी एक ही बाइक पर सवार होकर जंगल के रास्ते संजय पंवार के पास पहुंचे। वहां से संजय शुभम को लेकर बेगमपुल मेरठ पहुंचा। जहां भूपेंद्र बाफर अपनी गाड़ी लिए खड़ा था। वह दोनों शुभम को लेकर एक झोलाछाप डॉक्टर के पास गए, जहां शुभम को उपचार कराया गया। उसके बाद शुभम और कुक्की 2 दिन संजय पंवार के यहां रुके। एसएसपी ने बताया कि रोहित सांडू को फरार करने का मकसद माफिया सुशील मूंछ की हत्या कराना था। भूपेंद्र बाफर व विक्की राठी द्वारा गैंगवार के चलते सुशील मूंछ की हत्या की योजना बनाई थी।