कंप्यूटर टेक्नोलॉजी एक 2 डी टेक्नोलॉजी थी। जिससे कंप्यूटर से डाटा फीड कर दी जाती थी। उसी एक्यूरेसी से हम ऑपरेशन कर पाते थे। लेकिन हम जो वेरीफाई करते थे उसमें 1-2 डिग्री का एरर आने की संभावना रहती थी। अब यह जो न्यू टेक्नोलॉजी है अमेरिका से इंडिया में लॉन्च हुई है। जिसका नाम है रोबोटिक टेक्नोलॉजी। इसमें जो हड्डी का कट है, वह इतना एक्यूरेट हो गया है कि उसमें एक 2 डिग्री गलती की भी संभावना नहीं है। अब से पहले जो ऑपरेशन करे जाते थे उसमें घुटने की हड्डी को काट के ऑपरेशन किया जाता था। अब जो हैंडहेल्ड रोबोटिक हमारे हाथ में आ गया है। उसकी वजह से हमें हड्डी सिर्फ घिसनी पड़ती है। मात्र उसी से ही घुटना पूरा बदला जा सकता है। जिसका फायदा मरीज को भी मिलेगा।
उन्होंने बताया कि रोबोटिक टेक्नोलॉजी से सर्जरी अमेरिका के अलावा दूसरे देशोँ में भी होती है। जिसने इस टेक्नोलॉजी को अपनाया था वो भारत ही है। हालांकि यह टेक्नोलॉजी काफी देशों में आ चुकी है। भारत में पुणे में टेक्नोलॉजी काफी सफल हुई है और पिछले 1 साल से छाई हुई है। उसके हिसाब से ही भारत में इस टेक्नोलॉजी को डॉक्टरों ने लेना शुरू किया है। नॉर्थ इंडिया में गुड़गांव में यह फैसिलिटी डेढ़ से 2 महीने से उपलब्ध है। एक जयपुर शहर में यह टेक्नोलॉजी शुरू हुई है। इसमें खर्चा बहुत ज्यादा है। मशीनें भी बहुत महंगी है और आइटम भी सब डिस्पोजल इस्तेमाल करने पड़ते हैं। हर सर्जरी की लागत लगभग 40 से 50 हजार रुये तक ज्यादा आता है। अभी हमने इसे नया शुरू किया है और जिस कंपनी से हमने इन मशीनों को लिया है वह कंपनी भी हमारी सहायता कर रही है। जिस वजह से हम ज्यादा चार्ज मरीज से नहीं कर रहे हैं।