उन्होंने कहा कि सरकार किसान आंदोलन को कुचलना चाहती थी। केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार है, जिन्हें किसानों की बातें माननी चाहिए। मगर, सरकार है कि अपनी जिद पर अड़ी हुई है, वरना किसान तो अपना आंदोलन कभी का समाप्त कर देते। सरकार किसानों की बातें नहीं मान रही है, इस वजह से किसान भी धरने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। हालांकि वे किसी दल के लिए चुनाव प्रचार नहीं करेंगे, मगर यह बात तय है कि किसान भाजपा का समर्थन नहीं करेंगे।
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Farmer Protest : आंदोलन को एक साल पूरा होने पर गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे किसान, दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स ने संभाला मोर्चा उन्होंने कहा कि सरकार ने धरना समाप्त करवाने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपनाए, मगर किसान अपनी मांगों पर अड़े हैं। अभी भी किसानों की कई मांगे हैं, जिन्हें पूरा करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि प्रधानमंत्री का सिर झुके। उनका सिर हमेशा ऊंचा रहे, क्योंकि वे दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के प्रधानमंत्री हैं।