पिता जेल में तो मां ने भी साथ छोड़ा, कुत्ते के साथ जीवन बिता रहा मासूम, दिल को झकझोर देगी ये दास्तां
Highlights
- हाड़ कंपाने वाली ठंड में एक मासूम और उसके कुत्ते की खुले आसमान के नीचे सोने की फोटो वायरल
- खुद कमाकर अपने और कुत्ते के लिए भोजन का इंतजाम करता है बच्चा
- एसएसपी बोले- बच्चे का स्कूल में दाखिला कराकर खर्च उठाएगा पुलिस विभाग

मुजफ्फरनगर. सोशल मीडिया पर पर आजकल एक ऐसी फोटो वायरल हो रही है, जिसे देख आप भी भावभिवोर हो जाएंगे। बता दें कि यह फोटो उस मासूम अनाथ बच्चे की है, जो सड़क पर कुत्ते के साथ सो रहा है। इस अनाथ की कहानी काफी दर्दभरी है। मासूम का पिता जेल में है और मां ने उसे इस हाड़ कंपा देने वाली ठंड में छोड़ दिया है। अब इस 10 वर्षीय मासूम ने एक कुत्ते से दोस्ती कर ली है। बच्चा चाय के स्टाल पर काम और गुब्बारे बेचकर जो कमाता है, उससे अपना और कुत्ते के भोजन का प्रबंध करता है। इसके बाद रात को भरी ठंड में दोनों एक चादर के साथ एक-दूसरे से लिपटकर खुले आसमान के नीचे सो जाते हैं।
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बता दें कि मासूम बच्चे का नाम अंकित और उसके साथ रहने वाले कुत्ते नाम डेनी है। जानकारी के अनुसार, अंकित दिन में गुब्बारे बेचता है और एक चाय की दुकान पर बर्तन धोने का काम भी करता है। बच्चा दिनभर कमाता है और जैसे-तैसे कुत्ते के लिए दूध-ब्रेड और अपने खाने का इंतजाम करता है। हाल ही में दोनों का खुले आसमान के नीचे चादर में सोते हुए फोटो वायरल हुआ था। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने बच्चे की तलाश शुरू की। एक हफ्ते बाद पता चला कि फिलहाल बच्चा अपने कुत्ते के साथ गहराबाग स्थित एक बुजुर्ग महिला शीला देवी के साथ एक कमरे के मकान में रह रहा है।
एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि पुलिस ने उस मासूम बच्चे को ढूंढ लिया है। सोमवार को ही बच्चे का जन्मदिन था, अब वह दस साल का हो गया है। फिलहाल उसे पुलिस की देखरख में रखा है। वहीं, पुलिस की टीम उसके परिजन को भी ढूंढ रही है। उन्होंने बताया कि बच्चे की तस्वीर कई थानों में भेजी गई है, ताकि उसके परिजनों का पता चल सके। उन्होंने कहा कि बच्चे की शिक्षा के लिए पब्लिक स्कूल में दाखिले का प्रयास किया जा रहा है। यदि दाखिले में रुकावट होगी तो पुलिस मॉडर्न पब्लिक स्कूल प्रवेश दिलाया जाएगा। उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च पुलिस विभाग करेगा। इसके साथ ही उसके कुत्ते के लिए भी खाने-पीने का इंतजाम किया जाएगा।
काउंसलिंग में बताई आपबीती
बाल कल्याण समिति के सामने बच्चे की मंगलवार को काउंसलिंग भी हुई है। बच्चे ने बताया कि पांच साल पहले ही उसकी मां उसे छोड़कर चली गई थी। उसकी मां भीख मांगती थी और पिता जेल में बंद है, लेकिन उसे उनका नाम नहीं पता है। अब डैनी ही उसका दोस्त है। बच्चे का कहना है कि उसे भीख मांगने से काम करना अच्छा लगता है। इसलिए वह गुब्बारे बेचता है और चाय की दुकान पर काम करता है। जिला प्रोबेशन अधिकारी का कहना है कि बच्चा मानसिक रूप से स्वस्थ है। वहीं, बच्चा जिस चाय की दुकान पर काम करता है, उसके मालिक ने बताया कि अंकित बेहद खुद्दार है। वह डेनी को अपने से अलग नहीं करता। इतना ही नहीं वह कभी फ्री में कुत्ते के लिए भी कोई सामान नहीं लेता है। यहां तक कि उसके दूध के पैसे भी देता है। अंकित और डेनी की दोस्ती की चर्चा इन दिनों सोशल मीडिया सुर्खियों में है।
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