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सीएम योगी की गौशालाएं बनीं पशुपालन विभाग के लिए आफत का सबब

locationमुजफ्फरनगरPublished: Feb 06, 2021 03:10:31 pm

Submitted by:

lokesh verma

Highlights
– पशुपालन विभाग के कर्मचारी ने गौशालाओं पर उठाए सवाल
– कहा- डॉक्टर साहब को और भी बहुत से काम हैं
– कर्मचारी के भैंस को इंजेक्शन लगाने से मौत

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मुजफ्फरनगर. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में गोवंश पशु किसान के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है, क्योंकि आए दिन आवारा पशु किसानों की फसलों को बुरी तरह से उजाड़ रहे हैं। इस वजह से आवारा पशुओं से किसान परेशान है। किसान सरकार से गोवंश पशु से फसलों के बचाव की गुहार लगाते रहते हैं। मुजफ्फरनगर की बात करें तो यहां गाय और गौशालाएं किसान के लिए ही मुसीबत नहीं बन रही हैं, बल्कि गौशालाएं पशुपालन विभाग के स्टाफ की जान को बवाल बन रही हैं। यह बात हम खुद नहीं कह रहे हैं, बल्कि पशुपालन विभाग का एक कर्मचारी खुद कहता नजर आ रहा है।
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दरअसल, मामला थाना भोपा क्षेत्र के गांव भोकरहेड़ी का है। जहां शुक्रवार को पशु चिकित्सालय भोकरहेड़ी में एक किसान हिमांशु अपनी भैंस को कृत्रिम गर्भाधान के लिए लाया था, लेकिन पशु चिकित्सालय भोकरहेड़ी में पशु चिकित्सा अधिकारी लापता थे। केवल एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जयवीर सिंह मौजूद था। जिसने भैंस का कृत्रिम गर्भाधान किया। इंजेक्शन लगाने के दौरान भैंस अचानक गिर पड़ी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। भैंस के मालिक ने मामले की जानकारी ग्रामीणों को दी तो मौके पर ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई। पीड़ित किसान के परिजन भी मौके पर पहुंच गए।
मामले की जानकारी पर पहुंचे मीडिया कर्मियों ने जब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जयवीर सिंह से मामले की जानकारी लेनी चाही तो वह झल्ला उठा। उसने पशु चिकित्सा अधिकारी के हॉस्पिटल में उपस्थित नहीं होने के कारण के सवाल पर झल्लाकर कहा कि डॉक्टर साहब को और भी बहुत सारे काम हैं। फिर उसने कहा कि उनके क्षेत्र में आठ गौशालाएं पड़ती हैं, जो उनकी जान को बवाल है। जहां से फोन आता है, तो जाना पड़ता है।
बता दें कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में लाखों की संख्या में गोवंश पशु सड़कों से लगाकर खेतों तक घूम रहे हैं, जिनसे आम नागरिक तो परेशान हैं ही, बल्कि किसानों की फसलों को भारी नुकसान भी इन पशुओं द्वारा पहुंचाया जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर बनाई जा रही गौशालाओं में इन पशुओं को रखा जाता है, जिनकी देखरेख की जिम्मेदारी क्षेत्रीय पशु चिकित्सालय की होती है। मगर पशु चिकित्सालय भोकरहेड़ी के स्टाफ ने अपनी व्यथा बयां कर दी है कि यह गौशालाएं उनकी जान को बवाल है। बरहाल कुछ देर बाद पशु चिकित्सा अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए, जिन्होंने हिमांशु की भैंस को हार्टअटैक से मौत होना बताते हुए उसका पोस्टमार्टम कराने की बात कही।

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