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Kisan Mahapanchayat : मंच से किसान नेताओं ने सरकार के खिलाफ फिर भरी हुंकार, उठाए किसानों के मुद्दे

locationमुजफ्फरनगरPublished: Sep 26, 2021 05:02:11 pm

Submitted by:

lokesh verma

Kisan Mahapanchayat : हिन्द मजदूर किसान समिति के आह्वान पर मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में जुटे हजारों किसान।

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मुजफ्फरनगर. Kisan Mahapanchayat : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक दलों के मुकाबले किसान राजनीति में हलचल ज्यादा देखने को मिल रही है। जहां गाजीपुर बॉर्डर समेत दिल्ली के चारों ओर तीन कृषि कानूनों और किसानों की समस्याओं को लेकर किसान 10 महीने से धरनारत हैं। इसी को लेकर प्रदेश में दो तरह के किसान संगठन सामने आए हैं। एक संगठन सरकार के खिलाफ किसानों की आवाज बुलंद करने का काम कर रहा है। वहीं, दूसरा किसानों की आवाज कम सरकार के पक्ष में खड़ा है। 5 सितंबर संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत के बाद 26 सितंबर को को हिंद मजदूर किसान समिति की महापंचायत हुई। इस किसान महापंचायत में हजारों की संख्या में किसानों ने भाग लिया। इस दौरान किसान नेताओं किसानों के कई मुद्दे उठाए।
मंच पर बोलते हुए आध्यात्मिक किसान नेता चंद्रमोहन महाराज ने सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए कहा कि सरकार किसानों की अनदेखी नहीं कर सकती। किसान जीवन में ट्रैक्टर केवल एक दो बार ही खरीद सकता है। इसलिए उन्हें चाहिए कि किसान का ट्रैक्टर कम से कम 100 साल तक चलता रहे। इसके साथ ही गन्ने का उचित दाम भी किसानों को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि गन्ने में बेशकीमती भंडार है। सरकार को एथेनॉल पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, क्योंकि एथेनॉल से ना वाहनों को नुकसान होता और ना ही प्रदूषण फैलता है। उन्होंने कहा कि सरकार को आवारा पशुओं की व्यवस्था भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी समस्या पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों के न्याय को लेकर है। इसलिए मुजफ्फरनगर, आगरा या मेरठ में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित की जानी चाहिए। उत्तर प्रदेश में हर क्षेत्र में बिजली की कीमत देश के हर प्रदेश से ज्यादा है। इसलिए किसानों को बिजली फ्री और घरेलू बिजली की कीमत भी घटाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि 75 साल की राजनीति में यह हाल देखा गया है कि विपक्ष में रहते हुए राजनीतिक पार्टी किसानों का हाल जानने पहुंचती हैं, मगर सत्ता में जाने के बाद किसानों को भूल जाती हैं। उत्तर प्रदेश की सरकार ने पिछले 4 सालों में गन्ने का कोई दाम नहीं बढ़ाया है। किसानों को गन्ने का भाव उचित मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान किसी राजनीतिक पार्टी के गुलाम नहीं हैं। हमने शुक्रताल की पंचायत में कहा था कि हम किसी भी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि एसी में सोने वाले लोग वोट डालने नहीं जाते, वोट केवल किसान और मजदूर डालता है और यही राजनीतिक पार्टी को सत्ता तक पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि जब तक किसान जातिवाद में बंटा रहेगा, तब तक किसान का भला नहीं हो सकता।
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‘ये पंचायत किसानों की असली महापंचायत’

पंचायत में पहुंचे गठवाला खाप के मुखिया चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि आज की पंचायत असली किसानों की महापंचायत है। आज इस मंच से सरकार को चेतावनी देने का काम करते हैं कि अगर सरकार ने किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया तो इसका नुकसान सरकार को उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पिछले 4 साल में गन्ने का कोई भाव नहीं बढ़ा। गन्ने के भुगतान को लेकर भी परेशानी हो रही है। उन्हें उम्मीद है कि इस पंचायत के बाद सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करेगी।

‘किसान नेता ने कहा भगवान राम करते थे गन्ने की खेती’
मंच बोलते हुए आध्यात्मिक नेता चंद्रमोहन महाराज ने कहा कि गन्ना उगाना किसानों की मजबूरी है, क्योंकि अन्य फसलों में जंगली जानवर या आवारा पशु नुकसान ज्यादा करते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम भी गन्ना बोते थे, मगर यह बात पंचायत में आए कुछ लोगों को बुरी लगी। मुकेश मलिक नाम के एक किसान ने मीडिया के माध्यम से सवाल कर दिया कि भगवान राम ने किस सन में गन्ना बोया था। उन्होंने इस महापंचायत को भारतीय जनता पार्टी की महापंचायत करार दे दिया।

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