उल्लेखनीय है कि पांच सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में महापंचायत होगी। इस महापंचायत के लिए भारतीय किसान यूनियन के नेता गांव-गांव में पंचायत कर किसानों को एकजुट करने में लगे हुए हैं। इसी महापंचायत पर आगे किसान आंदोलन का भविष्य टिका है। ज्ञात हो कि पिछले दिनों भाकियू की राजधानी कहे जाने वाले सिसौली कस्बे में भाजपा विधायक उमेश मलिक की कार पर काली स्याही और पथराव की घटना हुई थी, जिसके बाद गठवाला और बालियान खाप आमने-सामने आ गए थे। गठवाला खाप प्रमुख बाबा राजेंद्र चौधरी ने किसान महापंचायत के बहिष्कार का ऐलान किया था। इसके बाद बालियान खाप प्रमुख नरेश टिकैत को बड़ा झटका लगा था। नरेश टिकैत ने दावा किया था कि वह बाबा को मना लेंगे, क्योंकि गठवाला खाप के बिना वह अधूरे हैं।
इस तरह खत्म हुआ मनमुटाव हाल ही में शामली के कुरावा में हुई पंचायत में गठवाला खाप प्रमुख बाबा राजेंद्र सिंह और बालियान खाप प्रमुख चौधरी नरेश टिकैत एक मंच पर नजर आए। राजेंद्र सिंह ने कहा कि वह देश के किसानों की लड़ाई में साथ देंगे। जबकि नरेश टिकैत ने कहा कि बालियान और गठवाला खाप दोनों बड़े कुनबे हैं। इनमें मनमुटाव हो सकता है, अब हम सब साथ हैं। टिकैत ने कहा कि गठवाला ने हमेशा किसान आंदोलन और किसानों की समस्याओं के लिए लड़ाई लड़ी है। बता दें अब महापंचायत को बालियान खाप के साथ गठवाला खाप, मलिक खाप, चौहान खाप, राठी खाप, तोमर खाप, चौगामा खाप, लाटियान खाप, कालखण्डे खाप, बत्तीसा खाप, अहलावत खाप, देशवाल खाप, गुलियान खाप का समर्थन मिल चुका है।
राजनेताओं को मंच पर स्थान देने को चल रहा मंथन इसके साथ ही राजनीतिक दल रालोद, कांग्रेस और सपा ने भी किसान महापंचायत का समर्थन किया है। हालांकि मंच पर राजनीतिक लोगों को स्थान देने पर संयुक्त किसान मोर्चा में मंथन चल रहा है। क्योंकि अधिकांश किसान संगठनों के नेता चाहते हैं कि उनको ही मंच पर स्थान दिया जाए। वह नहीं चाहते कि लोगों के बीच यह संदेश जाए कि राजनीतिक दलों के सहयोग से महापंचायत हुई है। भाकियू महासचिव धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि अब तक के इतिहास में ये सबसे बड़ी किसान महापंचायत होगी।