माता-पिता और ताऊ की जिंदगी बचाने के लिए भिड़ गई थी हत्यारों से
13 मार्च 2014 को बहादुर बेटी रिया हत्याकांड के आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई सजा
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नवाजा था पुरस्कार से
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से बहादुरी का सम्मान पाने वाली बेटी के तीनों हत्यारों को आजीवन कारावास, देखें Video
मुजफ्फरनगर . वेस्ट यूपी के चर्चित रिया हत्याकांड में मुजफ्फरनगर कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुना दिया है। बहादुर बेटी रिया की हत्या के आरोप में जिला एवं सत्र न्यायालय मुजफ्फरनगर ने तीनों हत्या के आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही तीनों पर एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इससे पहले बुधवार को अदालत ने केस की सुनवाई पूरी करते हुए तीनों आरोपियों सुनील, रोहतास और ललित को धारा 302, 307 और 452 में दोषी करार दिया था।
बता दें की रिया हत्याकांड मुजफ्फरनगर का चर्चित कांड रहा है, जिसमें परिवार के ही तीन लोगों ने थाना भोरा कला क्षेत्र के गांव मुंड़भर में किसान सुरेश के घर में घुसकर सुरेश के भाई चंद्रपाल की हत्या करने के इरादे से ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। उस दौरान सुरेश की बहादुर बेटी रिया अपने माता-पिता और ताऊ की जान बचाते हुए अपनी जान गंवा दी थी। ताऊ-पिता और अपनी मां की जान बचाने वाली इस बहादुर बेटी को मरणोपरांत राष्ट्रपति से राष्ट्रपति पुरुष्कार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वीरता पुरस्कार मिला था। इसके साथ ही तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार से नवाजा था।
गौरतलब हो कि थाना भोरा कला क्षेत्र के गांव मुंडभर निवासी चंद्रपाल ने अपनी खेती की जमीन दोषियों के परिजनों से लेकर दूसरे किसान को ठेके पर दे दी थी, जिससे नाराज दोषी चंद्रपाल की हत्या पर उतारू हो गए। 13 मार्च 2014 को सुबह चंद्रपाल अपने भाई सुरेश के घर आया हुआ था, जिसकी भनक हत्यारों को लग गई और वे ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए सुरेश के घर में घुस आए। जहां चंद्रपाल और उसका भाई सुरेश, सुरेश की पत्नी अनीता और बेटी रिया जो कि इंटर की परीक्षा की तैयारी कर रही थी मौजूद थे। हमलावरों ने रिया के ताऊ चंद्रपाल और पिता सुरेश पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
फायरिंग की आवाज सुनते ही पढ़ाई कर रही रिया दौड़कर आई और अपने पिता व ताऊ को बचाते हुए हमलावरों के सामने आ डटी हुई और हमलावरों की गोली का शिकार हो गई। इस दौरान उसकी मां अनीता और पिता सुरेश भी जमीन पर गिर गए। इस हमले के बाद हॉस्पिटल ले जाते समय रिया की मौत हो गई। अपनी जान की बाजी लगाकर अपने पिता और अपनी मां की जान बचाने वाली इस बहादुर बेटी रिया की कहानी जो भी सुनता, उसके रोंगटे खड़े हो जाते थे।
इसके बाद मामला मीडिया में आया और सरकार के कानों तक पहुंचा। रिया के परिजनों की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामला सीबीआई को ट्रांसफर हो गया। सीबीआई की ओर से कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के बाद कई साल तक मुकदमा चलता रहा। बुधवार को कोर्ट ने तीनों हत्या के आरोपियाें सुनील, रोहतास और ललित को दोषी करार दिया। वहीं गुरुवार को तीनों हत्यारों को आजीवन कारावास के साथ एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।
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