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कैरानाा उपचुनाव: लोकदल अध्यक्ष ने अजीत सिंह पर लगाया इतना गंभीर आरोप कि मच गई खलबली

locationमुजफ्फरनगरPublished: May 19, 2018 02:43:20 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

कैराना उपचुनाव में दांव पर लगी है भाजपा और सपा-रालोद की प्रतिष्ठा

शामली। कैराना उपचुनाव में प्रचार के लिए पहुंचे लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अजीत सिंह को शुगर मिलों की दलाली करने वाला नेता बताया। यही नहीं सुनील सिंह ने गन्ना किसानों की दुर्दशा के लिए अजीत सिंह को जिम्मेदार ठहराया। गन्ना किसानों की पूरी दुर्दशा के लिए अजीत सिंह के द्वारा शुगर मिलों से कमीशन लेने का भी आरोप सुनील सिंह ने लगाया।
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दरअसल आपको बता दें कि कैराना में 28 मई को लोकसभा का उपचुनाव होना है। इस चुनाव में लोकदल ने सपा-रालोद गठबंधन की प्रत्याशी तबस्सुम हसन के देवर कंवर हसन मैदान में उतारा है। जबिक भाजपा ने इस सीट पर अपने दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को प्रत्याशी बनाया है। इस चुनाव में जीत हार के लिए सभी राजनीतिक दल नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। इसी क्रम में लोकदल के अध्यक्ष सुनील सिंह ने शामली में एक प्रेस वार्ता कर रालोद मुखिया अजीत सिंह पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में जो गन्ना किसानों की दुर्दशा है, उसके लिए सिर्फ और सिर्फ अजीत सिंह जिम्मेदार हैं। उन्होंने समाज के बीच में किसानों का इस्तेमाल किया है।
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अजीत सिंह चुनाव में जाते हैं और किसानों का शोषण करने का काम करते हैं। अजीत सिंह ने चीनी मिल मालिकों से पैसा खाकर अपनी-अपनी जेब भरने का काम किया है। सुनील सिंह ने आरोप लगाया कि जब 2013 में मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक फसाद हुआ तो अजीत सिंह उस समय केंद्र में मंत्री थे ना तो वह अपने समाज का ही पता लेने आए और ना ही उन मरने वाले लोगों का। अगर वह चाहते और समाज के बीच में आते तो इतना फसाद न होता।
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Lokdal Adhyaksha Sunil Singh
सुनील सिंह ने अजीत सिंह पर मौकापरस्त होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2002 का विधानसभा चुनाव उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था और 2009 का लोकसभा चुनाव भी भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था । अब अजीत सिंह इस बात की क्या गारंटी दे सकते हैं कि आने वाले 2019 में देश का आम चुनाव वह भाजपा के साथ मिलकर नहीं लड़ेंगे। इसलिए यही वक्त है कि सही समय पर सही पार्टी का चुनाव कर जनता की बातों को प्रमुखता से हल किया जाए।

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