जनपद मुजफ्फरनगर में तीन तलाक को लेकर अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत के रूप में शरीयत कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस शरीयत कॉन्फ्रेंस का आयोजन आर्य समाज रोड स्थित इस्लामिया इंटर कॉलेज में किया गया था। इस कॉन्फ्रेंस में मुस्लिम समाज के लोगों की भारी संख्या देखने को मिली। जितनी संख्या इस महापंचायत में मुस्लिम समाज के पुरुषों की देखने को मिली, उतनी ही संख्या में मुस्लिम महिलाएं भी इस महापंचायत में शिरकत करने के लिए पहुंची थी। मसला तीन तलाक का था।
केंद्र और प्रदेश सरकार के ऊपर मुस्लिम समाज के लोगों का धर्म और मजहब के नाम पर उत्पीड़न करने का मुद्दा इस कॉन्फ्रेंस में अहम रहा। मुजफ्फरनगर के मुस्लिम समाज की ओर से रविवार को इस्लामिया इंटर कॉलेज में ख्वातीन तहफ़्फ़ुज़ शरीयत कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों मुस्लिम समाज के लोगों ने शिरकत की। इस कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता सदर मुफ्ती खुर्शीद ने की, जो कि मेरठ से इस कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिए आए थे। इनके अलावा मेहमान-ए-ख़ास के तौर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी सदस्य ममहूदा माजिद भी कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे। इस कॉन्फ्रेंस में वक्ताओं ने तकरीर करते हुए इस बात पर चिंता और अफसोस जाहिर किया कि तीन तलाक की आड़ में केंद्र सरकार मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में दखल दे रही है। उनका कहना था कि मुसलमान अपने शरीयत कानून के हिसाब से अपनी बात लोगों को समझाने आए हैं। यहां पर सभी वक्ताओं ने एक आवाज में केंद्र सरकार की ओर से तीन तलाक के मसले पर कानून बनाने को गैरवाजिब करार दिया। इस पंचायत में वक्ताओं ने जमकर तीन तलाक बिल का विरोध किया। इस कांफ्रेंस को संबोधित करने में मुस्लिम महिलाएं भी पीछे नहीं रही।