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तीन तलाक को लेकर लोकसभा में पास किए गए कानून के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं का हल्ला बोल

locationमुजफ्फरनगरPublished: Jan 15, 2018 03:19:13 pm

Submitted by:

Iftekhar

मोदी सरकार के कानून के खिलाफ मैदान में आई मुस्लिम महिलाएं

Muslim women

मुजफ्फरनगर. देश में 3 तलाक पर एक बार फिर विवाद गहराता नज़र आ रहा है । केन्द्र की मोदी सरकार की ओर से लोकसभा में 3 तलाक बिल पास कराने के बाद जहां तीन तलाक पीड़ित कुछ मुस्लिम महिलाओं ने खुशी जाहिर की थी। वहीं, देशभर में मुस्लिम महिलाएं ही अब इस बिल के खिलाफ मैदान में कूद पड़ी हैं। मुज़फ्फरनगर में हजारों की संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने एक महापंचायत कर केन्द्र सरकार के 3 तलाक बिल पर जमकर विरोध दर्ज कराया। इस दौरान महिलाओं ने ही इस बिल को महिला विरोधी बताया। महिलाओं के साथ-साथ हजारों की संख्या में पुरुषों ने भी इस पंचायत में भाग लिया। इस पंचायत को शरीयत कॉन्फ्रेंस के नाम दिया गया था। गौरतलब है कि इससे पहले मेरठ में भी तीन तलाक के खिलाफ बनाए जा रहे कानून को वापस लेने के लिए महिलाओं ने सम्मेलन किया था। तब महिलाओं ने सरकार को ये चेतावनी भी दी थी कि अगर सरकार ने इस कानून को वापस नहीं लिया तो संसद भवन के सामने प्रदर्शन किया जाएगा।

जनपद मुजफ्फरनगर में तीन तलाक को लेकर अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत के रूप में शरीयत कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस शरीयत कॉन्फ्रेंस का आयोजन आर्य समाज रोड स्थित इस्लामिया इंटर कॉलेज में किया गया था। इस कॉन्फ्रेंस में मुस्लिम समाज के लोगों की भारी संख्या देखने को मिली। जितनी संख्या इस महापंचायत में मुस्लिम समाज के पुरुषों की देखने को मिली, उतनी ही संख्या में मुस्लिम महिलाएं भी इस महापंचायत में शिरकत करने के लिए पहुंची थी। मसला तीन तलाक का था।

केंद्र और प्रदेश सरकार के ऊपर मुस्लिम समाज के लोगों का धर्म और मजहब के नाम पर उत्पीड़न करने का मुद्दा इस कॉन्फ्रेंस में अहम रहा। मुजफ्फरनगर के मुस्लिम समाज की ओर से रविवार को इस्लामिया इंटर कॉलेज में ख्वातीन तहफ़्फ़ुज़ शरीयत कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों मुस्लिम समाज के लोगों ने शिरकत की। इस कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता सदर मुफ्ती खुर्शीद ने की, जो कि मेरठ से इस कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिए आए थे। इनके अलावा मेहमान-ए-ख़ास के तौर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी सदस्य ममहूदा माजिद भी कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे। इस कॉन्फ्रेंस में वक्ताओं ने तकरीर करते हुए इस बात पर चिंता और अफसोस जाहिर किया कि तीन तलाक की आड़ में केंद्र सरकार मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में दखल दे रही है। उनका कहना था कि मुसलमान अपने शरीयत कानून के हिसाब से अपनी बात लोगों को समझाने आए हैं। यहां पर सभी वक्ताओं ने एक आवाज में केंद्र सरकार की ओर से तीन तलाक के मसले पर कानून बनाने को गैरवाजिब करार दिया। इस पंचायत में वक्ताओं ने जमकर तीन तलाक बिल का विरोध किया। इस कांफ्रेंस को संबोधित करने में मुस्लिम महिलाएं भी पीछे नहीं रही।

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