वेस्ट में शीत लहरों का कहर, गले तीन दिन तक माैसम का पुर्वानुमान जारी
‘धरा’ नाम के इस सॉफ्टवेयर को मुजफ्फरनगर डीएम सेल्वा कुमारी जयराजन मकर सक्रांति पर आधिकारिक रूप से लॉन्च करेंगी। इसके बाद तेजी से इस सॉफ्टवेयर पर जमीनों का ब्यौरा अपलोड किया जाएगा। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जयराजन के अनुसार धरा सॉफ्टवेयर जीआईएस पर आधारित है। गूगल मैपिंग के माध्यम से इस सॉफ्टवेयर में खाली पड़ी जमीनों के साथ-साथ ग्राम समाज की भूमि तालाब और चारागाहों का पूरा ब्यौरा दर्ज किया जाएगा।नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी नहीं कर रहे हस्ताक्षर, नई ग्रुप हाउसिंग के फ्लैट्स की रजिस्ट्री पर लगी रोक!
इस सॉफ्टवेयर में जमीनों के बारे में पूरी जानकारी दर्ज होगी और उनके मालिकाना हक का भी पूरा ब्यौरा साथ में ही अपलोड किया जाएगा। जिलाधिकारी का दावा है कि इस सॉफ्टवेयर के लागू होने के बाद भू-माफियाओं की नजर से खाली पड़ी जमीनों को तो बचाया ही जाएगा साथ ही जिन जमीनों पर भू माफियाओं ने कब्जा किया हुआ है उन्हें भी कब्जा मुक्त कराने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही विकास प्राधिकरण के मास्टर प्लान भी इस सॉफ्टवेयर में दर्ज हो सकेंगे। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से यह भी पता लगाया जा सकेगा कि वह कौन-कौन सी जमीनें हैं जिन पर निर्माण हो सकते हैं। अगर कोई भी भूमाफिया ग्राम समाज या फिर सरकारी संपत्ति को बेचने की कोशिश करेगा तो सॉफ्टवेयर राजस्व विभाग को अलर्ट दिखायेगा। ऐसे में भू माफिया के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो सकेगी।सभी जिलों में लागू हो सकता है सॉफ्टवेयर
मुजफ्फरनगर जिला अधिकारी ने जो सॉफ्टवेयर तैयार कराया है उसे अब यूपी सरकार सभी जिलों में लागू करने पर विचार कर रही है। इस सॉफ्टवेयर के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार सभी जिलों में जमीनों की जियो टैगिंग करा सकती है।
मुजफ्फरनगर की जिलाधिकारी सेल्वा कुमार जयराजन 2006 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। मुजफ्फरनगर से पहले वह कासगंज, कन्नौज, बहराइच, एटा, फतेहपुर इटावा और फिरोजाबाद में भी डीएम के पद पर रह चुकी हैं। अपनी पूर्व की सर्विस में भी उन्होंने भू माफियाओं के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई की है और अब मुजफ्फरनगर में डीएम रहते हुए उन्होंने जो सॉफ्टवेयर तैयार कराया है वह नजीर बन सकता है।