विपिन सिंह बालियान ने आरोप लगाया की घटना के 5 घंटे बाद तक पुलिस घटना को आत्महत्या का मामला बताती रही थी। मगर एक राजनीतिक शख्सियत के परिजन के मौके पर पहुंचने के बाद इसे हत्या का मामला करार दे दिया गया। विपिन सिंह बालियान ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद जनपद में काफी अरसे बाद सांप्रदायिक सौहार्द की स्थिति बनी है। मगर कुछ सियासी ताकते राजनीतिक लाभ के लिए फिर से दोनों समुदाय के बीच नफरत और दरार पैदा करने का प्रयास कर रही हैं। आम आदमी पार्टी ने इस मामले में सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की है, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और इस प्रकरण में किसी निर्दोष व्यक्ति को ने फंसाया जा सके। आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया कि यदि इस घटना में कोई दोषी हो तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए, मगर इस मामले में किसी निर्दोष को नहीं फंसाया जाना चाहिए। आप की ओर से इस घटना का खुलासा करने के साथ ही दंगा पीड़ितों, दंगा आरोपियों और दंगे की घटनाओं में गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाने की मांग की गई है।
दरअसल जनपद मुजफ्फरनगर के थाना शाहपुर क्षेत्र के गांव कुटबा में 10 नवंबर को गांव निवासी एक शक्स रामदास उर्फ काला पुत्र खजान का उसके घर में संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगा शव मिलने के कारण हड़कंप मच गया था। इस मामले में पुलिस 2 दिन बीत जाने के बाद भी हत्या या आत्महत्या तय नहीं कर पाई है। इस वजह से यह हत्याकांड एक मिस्ट्री बनती जा रही है। मृतक रामदास के परिजनों का कहना है कि उसकी हत्या बाइक सवार दो लोग करके भागे हैं। वहीं, मामले को लेकर कुछ फोन रिकॉर्डिंग भी वायरल हो रही है, जिसमें दो लोग इसी मुद्दे पर बात कर रहे हैं, जो इसे आत्महत्या करार दे रहे हैं। आपको बता दें कि रामदास उर्फ काला मुजफ्फरनगर में 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगों में आरोपी था। फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर आया हुआ था। इस मामले में 2 दिन बीत जाने के बाद भी जहां पुलिस के हाथ खाली हैं। वहीं, इस घटनाक्रम में राजनीति शुरू हो गई है। जिसे लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विपिन सिंह बालियान ने सोमवार को डीजीपी के नाम एक प्रार्थना-पत्र पुलिस अधीक्षक अपराध को सौंपा।