बाल्यकाल में ही आने लगे थे लोग समनदास का जन्म सन् 1920 को
मुजफ्फरनगर के गांव लाख में दलित समाज में हुआ था। उन्हें वर्तमान समय में सतगुरु स्वामी समनदास जी के नाम से जाना जाता है। उनके पिता का नाम फूल सिंह था। उनकी मां लक्ष्मी देवी कुशल गृहणी थी। समनदास का बचपन का नाम हुकमचंद था। कहा जाता है कि बाल्यव्यवस्था में ही लोग उनके पास कष्टों से छुटकारा पाने के लिए आने लगे थे। उन्होंने 12 वर्ष की आयु में घर का त्याग कर दिया था।
इंटर स्कूल भी बनवाए हैं समनदास ने दो साल भ्रमण करने के बाद शुक्रताल में उनकी मुलाकात स्वामी हरिदास से हुई थी। वहां उन्हें बताया गया कि उनके गुरु स्वामी ज्ञान भिक्षुक हैं। इसके बाद उन्होंने स्वामी ज्ञान भिक्षुक से दीक्षा ली। बाद में उनको समनदास नाम से जाना जाने लगा था। सन् 2002 में उन्होंने अखिल भारतीय संत शिरमोणि गुरु रविदास मिशन की स्थापना की। समनदास ने इंटर स्कूल भी बनवाए हैं।
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