दरअसल, गांव कुरावा में हुई एक पंचायत में गठवाला खाप के मुखिया चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक व बालियान खाप के मुखिया चौधरी नरेश टिकैत के साथ साथ भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। इस दौरान 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कालेज मैदान में होने जा रही संयुक्त किसान मोर्चे की महापंचायत में भीड़ जुटाने को लेकर चर्चा हुई।
इस दौरान नरेश टिकैत ने विवादित बयान देते हुए कहा कि जब आंदोलन के चलते भाजपा विधायकों को विरोध हो रहा है तो वो किसानों के गांव क्यों जा रहे हैं। आज सबसे बड़ी ख़ुशी की बात है कि चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक और हम सब एक मंच पर आ गए हैं। जबतक बॉर्डर पर आंदोलन चल रहा है तब तक भाजपा जनप्रतिनिधि गांव से थोड़ा परहेज रखें। भाजपा वाले अपने परिवार के हैं। वो इस तरह का कदम ना उठाएं। जहां उनका विरोध हो रहा हो, अगर आज काले झंडे दिखाए गए हो तो वो अपना प्रोग्राम कैंसिल कर दें।
उन्होंने कहा कि कोई उन्हें अच्छी तरह से तो बुला नहीं रहा। आज 9 महीने से अधिक हो गए आंदोलन को। इस बिच अगर कोई विधायक गांव में जायेगा तो विरोध तो होगा ही। ऐसे कमजोर नहीं हैं। अगर कोई व्यवधान पैदा करेगा तो उसे पीट भी देंगे। पंचायत में हमारे अतिथि आ रहे हैं। अगर कोई उसमें व्यवधान करेगा तो उसे ठीक कर देंगे। हम धरना ख़त्म कर देंगे लेकिन कोई हमें आश्वासन तो दे। हम तो संयुक्त मोर्चे से भी यही कहते हैं कि दो कदम तुम पीछे हटो और दो कदम सरकार। अगर हम सरकार बना सकते हैं तो सरकार गिरा भी सकते हैं।