दरअसल नगर पालिका परिषद के वार्ड 47 में रहने वाला अनीस रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा है। उसने बताया कि करीब दो साल पहले वह किसी काम से सहारनपुर गया था। वहां उसे कुछ ऐसे लोग आपस में बात करते मिले जो मुजफ्फरनगर के मोहल्लों में फैली गंदगी के बारे में चर्चा कर रहे थे। उसी वक्त मैंने तय कर लिया कि अपने गली-मोहल्ले को जरूर साफ रखूंगा। तभी से मैंने झाड़ू उठा ली और रोज सुबह लग गया साफ-सफाई में। 2 साल से लगातार वह ये काम कर रहा है।
लड़कियों की शादी में खुशी से जाता है सफाई करने
स्थानीय निवासियों का कहना है कि अनीस को सफाई का जुनून सवार है। मोहल्ले या आसपास के इलाकों में कहीं भी किसी लड़की की शादी होती है तो वो हाथ में झाड़ू लेकर बिना बुलाए पहुंच जाता है और गली से लेकर नालियों तक की सफाई करता है। अनीस की इस निस्वार्थ सेवा को देखकर लोगों ने उसे वार्ड का सभासद बनाने का फैसला लिया। लेकिन जब सीट महिला कोटे में आरक्षित हुई तो उनकी बहन नजराना को प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि अनीस को सफाई का जुनून सवार है। मोहल्ले या आसपास के इलाकों में कहीं भी किसी लड़की की शादी होती है तो वो हाथ में झाड़ू लेकर बिना बुलाए पहुंच जाता है और गली से लेकर नालियों तक की सफाई करता है। अनीस की इस निस्वार्थ सेवा को देखकर लोगों ने उसे वार्ड का सभासद बनाने का फैसला लिया। लेकिन जब सीट महिला कोटे में आरक्षित हुई तो उनकी बहन नजराना को प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया है।
मोहल्ले के लोगों का कहना है कि हम सब चंदा इकट्ठा कर चुनाव के दौरान होने वाले खर्च की भरपाई करेंगे। अनीस अहमद का कहना है कि उसे मोहल्ले के लोगों का भरपूर साथ मिल रहा है, इसलिए उसकी बहन जरूर चुनाव जीतेगी। स्थानीय निवासी खुर्रम और इंतजार का कहना है कि हम लोग पिछले 2 साल से अनीस को मोहल्ले में झाड़ू लगाकर सफाई करते हुए देख रहे हैं। इसलिए निस्वार्थ सेवा को देखकर ही सभी ने मिलकर उसे चुनाव में खड़ा करने का निर्णय लिया है।