गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल होने के बाद एनजीटी के तमाम प्रतिबंधों और प्रयासों के बावजूद भी जनपद में ज्यादातर फैक्ट्रियां प्रदूषण फैला कर लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही थी। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने इंजीनियरों की टीम गठित करते हुए पूरे मामले की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं, जिसमें छात्रों द्वारा थाना नई मंडी कोतवाली व सिखेड़ा क्षेत्र में फैलाए गए। प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा कराने और गांव जाट मुंझेड़ा व गांव धंधेला से होकर बह रहे नाले में बहाए जाने पर वाले कैमिकल युक्त पानी के निस्तारण के लिए भी टीम बनाई गई है।