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जाट महापंचायत में पहुंचे कई दल के नेता, बोले- हाथरस में जयंत पर नहीं, चरण सिंह की विरासत पर हुआ हमला

locationमुजफ्फरनगरPublished: Oct 08, 2020 04:07:01 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights:
-हाथरस कांड पीड़ित परिवार से मिलने गए जयंत पर हुआ था लाठीचार्ज
-महापंचायत में पहुंचे नेताओं ने भाजपा सरकार पर लगाया लोकतंत्र खत्म करने का आरोप
-सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पुुलिस

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मुजफ्फरनगर। हाथरस कांड के बाद पीड़ित परिवार से मिलने गए राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद जयंत चौधरी पर लाठीचार्ज के विरोध में गुरुवार को जाट महापंचायत बुलाई गई। जिसमें कई दलों के नेताओं समेत सैकडों लोग पहुंचे। मुजफ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड में आयोजित ‘लोकतंत्र बचाओ’ जाट महापंचायत में जयंत चौधरी पर हुए लाठीचार्ज के साथ ही किसानों के मसले पर भी चर्चा की गई।
इस दौरान जयंत चौधरी, कांग्रेस नेता इमरान मसूद, पंकज मलिक, हरियाणा से सांसद दीपेंद्र हुड्डा, अभय चौटाला, सपा विधायक नाहिद हसन, भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बालियान खाप के मुखिया चौधरी नरेश टिकैत समेत कई दलों ने नेता मौजूद रहे। मंच पर पहुंचने पर जयंत ने अपने ऊपर हुए हमले को किसानों के गौरव से जोड़ा और पंचायत में बैठे सैकड़ों लोगों की तरफ लाठी लहराई। जिसके बाद लोगों ने जमकर नारेबाजी कर लाठी लहराई।
अभय चौटाला ने अपने संबोधन में कहा कि देश के किसान नेताओं और देश के किसानों को एकजुट होकर अब लड़ाई लड़नी होगी। अब समय आ गया है कि उत्तर प्रदेश के किसान एकजुट हों, क्योंकि चरण सिंह ने ही इन्हें एकजुट किया था। जिन भी राज्यों में भाजपा सत्ता में है, वहां इनकी सरकार किसानों की आवाज को दबा रही है। चौधरी देवीलाल और चौधरी चरण सिंह ने किसानों के लिए जमकर संघर्ष किया है और उन्हें एकजुट करने का किया। अब यह भाजपा सरकार किसानों की आवाज को कमजोर करना चाहती है। समय आ गया है जब सभी नेताओं को पार्टी लाइन से हटकर एकजुट होना होगा। हाथरस के आरोपियों को फांसी दी जानी चाहिए, लेकिन सरकार उन्हें बचाने का काम रही है।
वहीं मंच पर मौजूद सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि हाथरस में जो लाठीचार्ज हुआ वह जयंत चौधरी पर नहीं, बल्कि चौधरी चरण सिंह की विरासत पर हुआ है। ये देश के किसान और नौजवानों पर हमला है। अखिलेश यादव का संदेश है कि आगे भी समाजवादी पार्टी और रालोद साथ में चुनाव लड़ेगी। आमतौर पर बदलाव पूर्व से होता था, लेकिन इस बार यह बदलाव पश्चिम से होगा।
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