मुजफ्फरनगर सीट से लगातार दूसरी बार जीत हासिल करने वाले डाॅ. संजीव बालियान तीसरे सांसद
डाॅ. संजीव बालियान ने रालोद अध्यक्ष अजित सिंह को नजदीकी मुकाबले में हराया है
मोदी मंत्रिमंडल पहले भी अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं डाॅ. संजीव बालियान
जाटलैंड के इस बड़े नेता के पास पहुंचा मोदी का फोन, कैबिनेट में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
मुजफ्फरनगर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में वेस्ट यूपी के सांसद डाॅ. महेश शर्मा और जनरल वीके सिंह के साथ मुजफ्फरनगर सीट से लगातार दूसरी बार जीत हासिल करने वाले डाॅ. संजीव बालियान भी शपथ लेने जा रहे हैं। उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से मंत्रिमंडल में शपथ लेने के लिए फोन आया है। बता दें कि डाॅ. संजीव बालियान इससे पहले भी मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल रह चुके हैं। बालियान ने रालोद अध्यक्ष अजित सिंह को नजदीकी मुकाबले में हराते हुए सांसद की सीट पर कब्जा जमाया है।
बता दें कि वेस्ट यूपी में डाॅ. संजीव बालियान को भाजपा के बड़े नेता के तौर पर जाना जाता है। सपा-बसपा और रालोद गठबंधन के कारण 2019 का लोकसभा चुनाव उनके लिए काफी कठिन रहा, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने गठबंधन के उम्मीदवार अजित सिंह को 6526 मतों से हरा दिया। यहां बता दें कि डाॅ. संजीव बालियान मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से ऐसे तीसरे सांसद हैं, जिन्होंने लगातार दो बार लोकसभा चुनाव में विजय पताका फहराई है। इससे पहले यह करिश्मा भाजपा नेता सोहनबीर सिंह और कांग्रेस नेता सुमत प्रसाद जैन कर चुके हैं।
डाॅ. संजीव बालियान का परिचय बता दें कि डाॅ. संजीव बालियान का जन्म मुजफ्फरनगर जिले के कुटबी गांव में 23 जून 1972 को हुआ था। डाॅ. बालियान की पत्नी का नाम सुनीता बालियान है। डाॅ. बालियान के पिता का नाम सुरेंद्र पाल सिंह है। वहीं उनके छोटे भाई का नाम विवेक बालियान है। डॉ. संजीव बालियान ने पशु चिकित्सा विज्ञान में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है। वह सहायक प्रोफेसर और हरियाणा सरकार के साथ पशु चिकित्सा सर्जन के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
उतार-चढ़ाव भरा राजनीतिक सफर बता दें कि 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे में डाॅ. संजीव बालियान आरोपी रहे हैं। डाॅ. संजीव बालियान के राजनीतिक सफर की बात करें तो 2014 के लोकसभा चुनाव उनके करिअर को चरम पर ले जाने वाले रहे। 2014 में उन्होंने बसपा प्रत्याशी कादिर राणा को हराकर मोदी लहर में पहली बार सांसद का चुनाव जीता था। उन्होंने कादिर राणा को एकतरफा मुकाबले में 6 लाख से ज्यादा मत हासिल कर हराया था। उनकी इस जीत के कारण ही 2014 से 2017 तक मोदी मंत्रिमंडल में रहते हुए उन्होंने कई मंत्रालयों को संभाला। सबसे पहले उन्हें 2014 में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री बनाया गया था। इसके बाद जुलाई 2016 में उन्हें राज्यमंत्री जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प की जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन सिंतबर 2017 में उन्हें मोदी कैबिनेट से बाहर कर दिया गया।
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