इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष ओपी चौहान, संरक्षक पी के निर्वाल, सचिव अनिल आर्य, प्रवक्ता सतवीर आर्य ने बताया कि यूपी सरकार की तरफ से मोटर वाहन नियमावली 2019 के तहत स्कूली वाहनों के नियम में बदलाव किया गया है। मुजफ्फरनगर में लगभग 85 प्रतिशत विद्यालय ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हैं, जिनमें शत-प्रतिशत स्कूल परिवहन व्यवस्था को लागू किया हुआ हैं। उन्होंने बताया कि यहां स्कूल न्यूनतम शिक्षण व परिवहन शुल्क लेकर अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवा रहे हैं। जबकि स्कूलों में 10 प्रतिशत फीस में वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि खेती करने वाले अभिभावक फीस समय पर जमा नहीं करवा पाते हैं।
उन्हें खेती की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है। अभिभावकों की मजबूरी को समझते हुए स्कूल अपने परिवहन शुल्क में किसी भी प्रकार की वृद्धि करने की स्थिति में नहीं है। नई परिवहन नीति से छात्र बस का परिवहन शुल्क न्यूनतम 2000 रुपये से 3000 प्रति माह से कम नहीं हो रहा है। इतना परिवहन शुल्क अभिभावक देने में असमर्थ है। उन्होने कहा कि अभी तक स्कूलों में चलने वाले वाहन लगभग सभी नियमों का पालन कर रहे हैै, लेकिन वर्तमान में वाहनों का संचालन पुराने खर्च में संभव नहीं है।