दरअसल, मामला मुजफ्फरनगर के थाना पुरकाजी व सदर तहसील क्षेत्र के गांव तेजल खेड़ा का है। जहां एक किसान वेदपाल की कुछ महीनों पहले मृत्यु हो गई थी, जिसके नाम गांव में कई स्थानों पर 21 बीघा कृषि भूमि अभिलेखों में दर्ज थी। घर के मुखिया की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति मृतक के वारिसों पत्नी व पुत्रों के नाम दर्ज होनी थी। उत्तर प्रदेश सरकार के आदेशों के अनुसार किसी भी किसान की मृत्यु के बाद उसकी प्रॉपर्टी उसके वारिसों के नाम 15 दिन के अंदर करने के सख्त आदेश हैं। इसके तहत किसान वेदपाल के पुत्र संजीव कुमार ने पिता की मृत्यु के बाद से ही पिता के नाम दर्ज कृषि भूमि को अन्य दो भाईयों देविन्द्र व रविन्द्र के नाम कराने और हिस्सा प्रमाण पत्र बनवाने के लिए तहसील के चक्कर काटने शुरू किए।
हल्का (मौजा रायपुर झोझा) गांव तेजलहेड़ा के तत्कालीन लेखपाल संजीव त्यागी व मौजा ताजपुर सिमर्थी के लेखपाल रणधीर व बसेडा द्वितीय के लेखपाल राहुल शर्मा ने पीड़ित संजीव से बिना रिश्वत लिए फाइल आगे नहीं बढ़ाई। रिश्वतखोर लेखपालों की करतूत से तंग आकर पीड़ित ने तीनों लेखपालों का अलग-अलग रिश्वत लेते हुए वीडियो अपने मोबाइल में बना लिया और फिर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो में देखा जा रहा है किस तरह लेखपाल पीड़ितों से बिना रिश्वत लिए काम नहीं करते।
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर में चरथावल से विधायक विजय कश्यप उत्तर प्रदेश सरकार में राजस्व विभाग का राज्य मंत्री बनाया गया है, जो शनिवार को ही मंत्री बनने के बाद मुजफ्फरनगर में पहली बार पहुंचेंगे। अब देखना यह होगा कि रिश्वतखोर लेखपालों से राजस्व मंत्री विजय कश्यप कैसे निपटेंगे। हालांकि इस मामले में अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह ने कहा कि लेखपाल के रिश्वत लेते हुए वीडियो को संज्ञान में लिया जा रहा है, जिसकी जांच के बाद आरोपी लेखपालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।