scriptसावधान!…बिहार में फिर कहर बरपा रहा ‘चमकी’ बुखार, अब तक 22 बच्चों की मौत, सैंकडों भर्ती, यह है फैलने की वजह | 22 children died in bihar due to Encephalitis fever, chamki bukhar | Patrika News
मुजफ्फरपुर

सावधान!…बिहार में फिर कहर बरपा रहा ‘चमकी’ बुखार, अब तक 22 बच्चों की मौत, सैंकडों भर्ती, यह है फैलने की वजह

पिछले वर्ष महामारी से सौ से अधिक बच्चों की मौत के बाद यूनाइटेड स्टेट्स की ‘सेंट्रल फॉर डिजीज कंट्रोल और उसकी भारतीय इकाई के विशेषज्ञ डॉक्टरों के अध्ययन दल ने पता लगाया था कि मॉनसून के पहले लीची के पकने के दिनों में यह बीमारी फैलती है…

मुजफ्फरपुरJun 08, 2019 / 05:15 pm

Prateek

chamki

सावधान!…बिहार में फिर कहर बरपा रहा ‘चमकी’ बुखार, अब तक 22 बच्चों की मौत, सैंकडों भर्ती, यह है फैलने की वजह

(मुजफ्फरपुर): बिहार में एक बार फिर चमकी बुखार ने कहर बरपाना शुरु कर दिया है। पिछले पांच छः दिनों में इस अजीबोगरीब बुखार की चपेट में आकर 22 बच्चों ने दम तोड़ दिया।जबकि चालीस और बच्चे भर्ती किए गए हैं। इस बीमारी से शनिवार सुबह में ही दो बच्चों ने मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच के पीआईएसयू वार्ड में दम तोड़ दिया। शुक्रवार को भी पांच बच्चों की मौत इसकी चपेट में आने से हो गई। इस बुखार से पिछले एक सप्ताह भर में 22 बच्चों ने दम तोड़ दिया है। जबकि इसी अस्पताल में चालीस और बच्चे भर्ती हुए हैं। इस तरह का बुखार मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में पिछले पांच छः वर्षों से कहर बरपा रहा है। प्रतिवर्ष यह मॉनसून के पहले आफत की तरह आता है। खास बात यह कि इस बीमारी से मारे जाने वाले बच्चे पांच से दस साल की उम्र के ही होते हैं। 2014 से हर साल लगभग इसी आयु वर्ग के सौ या अधिक बच्चे मारे जा रहे हैं राज्य सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई गंभीर पहल नहीं की है।


पिछले वर्ष महामारी से सौ से अधिक बच्चों की मौत के बाद यूनाइटेड स्टेट्स की ‘सेंट्रल फॉर डिजीज कंट्रोल और उसकी भारतीय इकाई के विशेषज्ञ डॉक्टरों के अध्ययन दल ने पता लगाया था कि मॉनसून के पहले लीची के पकने के दिनों में यह बीमारी फैलती है। विशेषज्ञ दल की रिपोर्ट संस्था की पत्रिका और टाइम्स में छापी गई। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार लीची के पकने के साथ ही उसके रस में ‘हाइपोग्लिसीन ए तथा मेथिलीन साइक्लोप्रोफिल ग्लीसीन’- MCPG,नामक विषैले तत्व पनप आते हैं। भोजन में लीची के प्रचूर मात्रा में सेवन से ये जहरीले तत्व बच्चों के सूगर के लेबल को काफी हद तक कम करके उन्हें गंभीर रूप से बीमार कर डालते हैं।


पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ राजन कुमार ने “पत्रिका”को बताया कि प्रभावित बच्चों में इस जहर के सेवन से इंसेफ्लाइटिस बुखार गंभीरता से फैल जाती है। शूगर लो हो जाने से हाथ पैर का फूलना और अकड़ना बढ़ जाता है। इस बीमारी के असर से बच्चों को ऑक्सीजन कम मात्रा में मिलने लगती है। बुखार अंततःजानलेवा साबित हो रही है।

Home / Muzaffarpur / सावधान!…बिहार में फिर कहर बरपा रहा ‘चमकी’ बुखार, अब तक 22 बच्चों की मौत, सैंकडों भर्ती, यह है फैलने की वजह

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो