मुजफ्फरपुरPublished: Mar 23, 2020 07:19:13 pm
Navneet Sharma
मजदूरों पर कोरोना कहर बन कर टूटा है। सबसे अधिक मार प्रवासी मजदूरों को उठानी पड़ रही है। सप्ताह भर पूर्व होली के बाद मजदूरी करने के लिए परदेस पहुंचे लोग अपने-अपने घर लौटने लगे हैं।
मजदूरों पर कहर बन कर टूटा कोरोना, मार प्रवासी मजदूरों को उठानी पड़ रही है
मुजफ्फरपुर. मजदूरों पर कोरोना कहर बन कर टूटा है। सबसे अधिक मार प्रवासी मजदूरों को उठानी पड़ रही है। सप्ताह भर पूर्व होली के बाद मजदूरी करने के लिए परदेस पहुंचे लोग अपने-अपने घर लौटने लगे हैं। होली के बाद प्राय महानगरों से आने वाली ट्रेनों में भीड़भाड़ कम होती थी। इस बार स्थिति विपरीत दिखी।
कोरोना के कारण फैक्ट्रियों व प्रोजेक्ट बंद होने से मजदूर लौटने लगे हैं। रविवार को चांदनी चौक पर बस का इंतजार कर रहे पूर्वी चंपारण के तुरकौलिया निवासी प्रभु साह ने बताया कि होली मानाने के बाद हमलोग बड़ी उम्मीद के साथ ओडिसा के सुंदरगढ़ स्थित कोइर गए थे। वहां पर खनिज कंपनी में हमलोग काम करते थे। बीते बुधवार को कोइर पहुंचने पर जानकारी मिली कि कोरोना के कारण काम बंद है। दो दिनों तक अन्य काम ढूंढ़ा। लेकिन, काम नहीं मिला। बलुआ के मो. तैयब ने बताया कि जाने व आने में पांच हजार रुपये से अधिक खर्च हो गए। सभी लोग लौट रहे है। सप्तक्रांति एक्सप्रेस से दिल्ली से लौटे औराई के मदन कुमार ने बताया कोरोना के कारण दिल्ली व आसपास के इलाकों में धीरे धीरे तमाम फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं। मालिक ने हमलोगों से अविलंब गांव लौट जाने के लिए कहा। दिल्ली में खाना आदि कि दिक्कतें होने लगी है। इसके कारण गांव लौटना पड़ा।