रेशमा प्रसाद (transgender)समाज के लोगों से मिलकर इस अभिमान में ज्यादा से ज्यादा सहयोग करने का लगातार आग्रह कर रही हैं। उनका मानना है कि लोगों को अपना नज़रिया बदलना होगा। उनकी ट्रेंड टीम जगह जगह जाकर गीत संगीत (song play) से लोगों को जागरूक करेगी। इस तरह देखें तो अपने ही अस्तित्व के लिए जूझती ट्रांसजेंडर समाज की युवतियां अब समाज को नई दिशा देने के लिए कमर कस चुकी हैं।
रेशमा बताती हैं कि सूबे में चालीस हजार ट्रांसजेंडर हैं और हमारा लक्ष्य सबको इस अभियान से जोड़ना है।ये लोग नुक्कड़ नाटकों और गीत गानों के माध्यम से लोगों कोई जागरूक करेंगी।इससे लोगों में चेतना जागृत होगी और बाल विवाह (bal vivah) कुप्रथा पर विराम लग सकेगा।बता दें कि नीतीश सरकार बाल विवाह और दहेज प्रथा रोकने का सरकारी अभियान चला रही है ।हालांकि इसका अब तक कोई खास असर नहीं देखा जा सका है।