scriptBal vivah: अपने अस्तित्व को भूल समाज को सुधारने में जुटी किन्नर रेशमा | Forgetting own existence, reshma associated with improving society | Patrika News

Bal vivah: अपने अस्तित्व को भूल समाज को सुधारने में जुटी किन्नर रेशमा

locationमुजफ्फरपुरPublished: Jul 25, 2019 07:12:49 pm

Submitted by:

Navneet Sharma

Bal vivah: अपना दर्द भूल समाज को खुशियां देने में जुटा किन्नर समाज ‘ बिहार में बाल विवाह समाज के कोढ़ की तरह पसरा हुआ है। बधाई गीत गाने और नाचने झूमने वाली ट्रांसजेंडर की अनूठी पहल कर रही हैं।

अपने अस्तित्व को भूल समाज को सुधारने में जुटी किन्नर रेशमा

अपने अस्तित्व को भूल समाज को सुधारने में जुटी किन्नर रेशमा

मुजफ्फरपुर,25जुलाई। ( प्रियरंजन भारती )
विवाह और दहेज (Dowry) प्रथा जैसे सामाजिक अभिशाप से जूझ रहे समाज को मुक्ति दिलाने के लिए अब ट्रांसजेंडर किन्नर (Kinner) नई पहल के साथ आगे आई हैं। इस कोशिश में प्रशासन भी भरपूर साथ देगा।ट्रांसजेंडर समाज की नेता रेशमा प्रसाद के नेतृत्व में यह पहल हो रही है। इसके लिए इन्हें ट्रेनिंग देने की शुरुआत हो चुकी है।
खुद जूझ रही है लेकिन समाज के लिए आगे आई
रेशमा प्रसाद (transgender)समाज के लोगों से मिलकर इस अभिमान में ज्यादा से ज्यादा सहयोग करने का लगातार आग्रह कर रही हैं। उनका मानना है कि लोगों को अपना नज़रिया बदलना होगा। उनकी ट्रेंड टीम जगह जगह जाकर गीत संगीत (song play) से लोगों को जागरूक करेगी। इस तरह देखें तो अपने ही अस्तित्व के लिए जूझती ट्रांसजेंडर समाज की युवतियां अब समाज को नई दिशा देने के लिए कमर कस चुकी हैं।
40 हजार किन्नरों को जोडेंगी इस अभियान से
रेशमा बताती हैं कि सूबे में चालीस हजार ट्रांसजेंडर हैं और हमारा लक्ष्य सबको इस अभियान से जोड़ना है।ये लोग नुक्कड़ नाटकों और गीत गानों के माध्यम से लोगों कोई जागरूक करेंगी।इससे लोगों में चेतना जागृत होगी और बाल विवाह (bal vivah) कुप्रथा पर विराम लग सकेगा।बता दें कि नीतीश सरकार बाल विवाह और दहेज प्रथा रोकने का सरकारी अभियान चला रही है ।हालांकि इसका अब तक कोई खास असर नहीं देखा जा सका है।
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