मस्जिद से भी इस मामले में सार्वजनिक रूप से इस निर्णय की घोषणा की गई है। छाता बाजार मस्जिद के पास ही गरीबनाथ भोले का मंदिर है और यहां दो दर्जन से ज्यादा मुस्लिम परिवार भी रहते हैं। सभी ने यह फैसला लिया है कि बकरीद की कुर्बानी सोमवार की जगह मंगलवार को होगी। यह फैसला भाईचारा और सामाजिक सौहार्द को देखते हुए लिया गया है।
स्थानीय परिवारों का कहना है कि इस फैसले से समाज में शांति का पैगाम गया है। सोमवार को बकरीद की नमाज(Namaj) अपने पूर्व निर्धारित समय पर अदा की गई।
सावन के सोमवार को भोलेबाबा के मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी हो जाती है यह आंकडा कई हजारों तक पहुंच जाता है। इस दौरान बडी संख्या में कांवड़िए भी पहुंचते हैं और भगवान शंकर का जलाभिषेक करते हैं। बताया जा रहा है कि छाता बाजार में यह पहला मौका है कि बकरीद और सावन महीने का सोमवार को देखते हुए यह फैसला लिया गया हैं।