मुंबई से बाइक चलाकर आया था
वाकया मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट प्रखंड के कमरथू गांव का है। पूर्णियां निवासी जले युवक का कमरथू गांव में ससुराल है। वह पिछले दिनों लॉकडाउन में बाइक चलाकर कमरथू स्थित ससुराल आया था। ससुराल वालों की सलाह पर वह कमरथू कन्या विद्यालय के क्वारंटाइन सेंटर में रह रहा था। यहां उसे जमीन पर चादर बिछाकर सोना पड़ रहा था। देर रात उसने बिछावन सहित देह में आग लगा ली। उसे असली फीसदी जली हालत में एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत नाज़ुक बताई जा रही है।
मुखिया ने दी परिजनों को सूचना
कमरथू पंचायत के मुखिया ने युवक के ससुराल वालों को उसके जले होने की सूचना दी। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में युवक का इलाज सही तरीके से नहीं हो रहा है। सूचना देने पर रात में पुलिस भी नहीं पहुंची। गायघाट थाने का सिपाही मौके पर पहुंचा। प्रखंड के सीओ और बीडीओ भी सूचना पर नहीं आए।
युवक दुखी रह रहा था
अस्पताल में इलाज के दौरान उसने मीडिया से बताया कि वह ससुर के निधन के बाद पहली बार ससुराल आया तो उसे क्वारंटाइन सेंटर में रहना पड़ा। उसने बताया कि उससे भूल हो गई। बाद में अहसास होने पर मक्का के खेत में आग बुझाने का प्रयास किया मगर सफलता नहीं मिली। अपने किए पर वह काफी अफसोस जता रहा था। बाहर से आए प्रवासियों के लिए बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर्स की व्यवस्था पर युवक का आत्मदाह एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। दो दिनों पूर्व भी जिले में खगडिय़ा के एक व्यक्ति ने गले में फंदा डालकर आत्महत्या कर ली थी।
अव्यवस्था पर सवाल
बिहार लौटे लाखों श्रमिकों के मुदï्दों पर नीतिश कुमार बुरी तरह घिरी हुई है। प्रदेश में करीब ४ लाख से ज्यादा श्रमिकों की वापसी हो चुकी है। इससे अधिक श्रमिक अभी कतार में हैं। सवाल यही उठ रहा है कि सरकार अभी तक वापस लौटे श्रमिकों के हाल दुरुस्त नहीं रख पाई है तो आगे इसके क्या परिणाम निकलेंगे। प्रवासियों के लौटने पर न तो सभी के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है और न ही क्वारेंटाइन किए जाने की समुचित व्यवस्था की जा रही है। यही वजह है कि बिहार में प्रवासियों के लौटने के साथ ही कोरोना संक्रमितों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जबकि अभी ४ लाख से अधिक श्रमिकों का वापस आना शेष है। इनके आने के बाद क्या हालते होंगे, इसकी कल्पना ही की जा सकती है।