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किसानाें के लिए गुड न्यूज, 12 चीनी मिलाें ने किया गन्ने के बकाए का भुगतान 

locationमुजफ्फरनगरPublished: Dec 15, 2016 12:38:00 pm

Submitted by:

sharad asthana

अब भी कई चीनी मिलों को करना है किसानों को पुरा भुगतान

sugar cane farmers

sugar cane farmers

सहारनपुर। वेस्ट यूपी के किसानाें के लिए अच्छी खबर है कि सहारनपुर मंडल की 12 चीनी मिलाें ने गन्ने के पिछले वर्ष के बकाए का पूरा भुगतान कर दिया है। भुगतान करने वाली मिलाें में सहारनपुर जिलें की देवबन्द, गागनौली, शेरमऊ नानौता व सरसावा चीनी मिले शामिल हैं। मुजफ्फरनगर जिलें की रोहाना कला, मन्सूरपुर, खातौली, तितावी, टिकौला, खाईखेडी व मोरना व भैषाना मिल शामिल हैं। इसी तरह से शामली जिले की शामली, ऊन व थानाभवन चीनी मिल ने बकाए का पूरा भुगतान किया है। 

उपगन्ना आयुक्त सहारनपुर सत्येन्द्र सिंह के मुताबिक, चीनी मिलाें पर पिछले सीजन का 2742 करोड 26 लाख रुपया किसानाें का बकाया था। इसमें से मिलाें ने 2658 करोड 79 लाख रुपये का भुगतान कर दिया है। यह भुगतान कुल गन्ना मूल्य का 97 प्रतिशत है। उन्हाेंने यह भी बताया कि पिछले वर्ष का पूरा भुगतान करने चीनी मिल देवबन्द, गागनौली, शेरमऊ, नानौता, सरसावा, रोहानाकलां, मन्सूरपुर, खातौली, तितावी, टिकौला, खाईखेडी आैर मोरना नए सीजन यानि पेराई सत्र 2016-17 में हुई कुल खरीद के सापेक्ष 342 करोड रुपये का भुगतान किसानाें काे कर चुकी हैं। 

इन मिलाें पर अभी भी है पिछले साल का बकाया 

गन्ना उपायुक्त भले ही गत वर्ष का पूरा भुगतान हाेने की बात कर रहे हाें लेकिन सच्चाई यह है कि अब भी शामली, ऊन, थानाभवन आैर भैसाना चीनी मिल किसानाें का पिछले वर्ष का बकाया शेष है। इनमें शामली चीनी मिल पर 24 करोड 30 लाख, ऊन चीनी मिल पर पर 46 करोड़़ 13 लाख, थानाभवन चीनी मिल पर 3 करोड़ 68 लाख आैर भैसाना चीनी मिल पर 9 करोड़ 33 लाख रुपया बकाया है। इस पर उप गन्ना आयुक्त का कहना है कि चीनी मिल शामली, ऊन, थानाभवन आैर भैसाना चीनी मिल काे कड़े शब्दाें में चेतावनी जारी की गई है कि वे पुराने सत्र का पूरा बकाया भुगतान करने के साथ ही नए सत्र का भुगतान भी शुरू कर दें। 

भुगतान नहीं करने पर राेकी जाएगी चीनी 

उपायुक्त गन्ना के मुताबिक, इन चीनी मिलों की वर्तमान सत्र की चीनी उपजिलाधिकारी एवं गन्ना समिति सचिव की निगरानी में दी गई है। चीनी बिक्री से प्राप्त धनराशि का 85 प्रतिशत उपयाेग यह मिले किसानाें काे पेमेंट के रूप में करेगी। यदि चीनी मिलाें की आेर से एेसा नहीं किया जाता है ताे इनकी चीनी निकासी पर तत्काल प्रभाव से राेक लगाई जाएगी। 
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