भाजपा सरकार विकास के हर मुद्दे पर फेल: सैयद हिमायत अली वर्षो बाद शिक्षा क्षेत्र में जनपद के कैराना क्षेत्र के शिक्षक को राष्ट्रपति अवार्ड से नवाजा जाएगा। झाड़खेड़ी निवासी राकेश सैनी ने प्राथमिक विद्यालय बदलूगढ़ में बतौर प्रधानाध्यापक शिक्षा का उजियारा फैलाने का काम किया। उनके दृढ संकल्प और कठिन परिश्रम, लगनशीलता ने विद्यालय की सूरत बदल दी। 2010 में प्राथमिक विद्यालय बदलूगढ में राकेश सैनी की तैनाती के समय विद्यालय में छात्र संख्या मात्र 59 थी। उनके शिक्षा के प्रति सेवा भाव एवं मेहनत की बदौलत आज इस विद्यालय में 148 बच्चे पढ़ रहे हैं।
Teacher day special: बेटे की याद में रिटायर्ड रेल कर्मी बना शिक्षक, पढ़ा रहा गरीब बेसहारा बच्चों को एमए और बीएड की शिक्षा पूर्ण करने के बाद वह शिक्षक के पेशे से जुड़ गए। बदलूगढ स्कूल में राकेश सैनी बड़ी मेहनत की, तो 2014-15 में इस स्कूल को आदर्श स्कूल मानते हुए इंग्लिश मीडियम चुना गया। इससे पूर्व राकेश कैराना देहात व मोहम्मदपुद राई में भी अध्यापक के पद पर तैनात रहे चुके हैं। इस कार्य में उनकी पत्नी श्रीमती रीता भी साथ दे रही हैं। वे भी इसी स्कूल में अध्यापिका हैं।
शिक्षा के साथ समाज सेवा में भी आगे भूमिका राकेश सैनी ने शिक्षा देने के साथ-साथ मानव चेतना केंद्र की भी स्थापना कर रखी है। इसके जरिए भी वह समाज में समानता का अधिकार देने के लिए संघर्षरत हैं। राकेश 1996 में शिक्षक बने थे। उनके पिता रामस्वरूप आर्मी से रिटायर होकर लोगों को दवाईयों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। राकेश सैनी ने पब्लिक इंटर कॉलेज कैराना से इंटर की पढ़ाई की। मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में भी उन्होंने शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने तीन विषयों में एमएम करने के साथ ही बीएड भी किया है। वह कहते हैं कि शिक्षित समाज से ही राष्ट्र निर्माण संभव है।