मृतक के बहनोई किशनाराम ने वारदात के बाद एक लिखित रिपोर्ट देकर बताया था कि 21 जून 2015 को सुबह साढ़े 9 बजे अपने ससुराल धोलेराव कलां गया हुआ था। साले ओमप्रकाश की पत्नी नैनी देवी घर पर बैठे थे। साढ़े 10-11 बजे करीब सूचना मिली कि ओमप्रकाश के चाचा गौरीशंकर और उसका बेटा दिलीप ओमप्रकाश के साथ खेत में मारपीट कर रहे हैं। सूचना के बाद हम दोनों मौके पर पहुंचे तो देखा कि गौरीशंकर और उसका बेटा दिलीप ओमप्रकाश के साथ कुल्हाड़ी व जेई से मारपीट कर रहे थे। गंभीर घायल ओमप्रकाश नीचे गिरा हुआ था और ओमप्रकाश का लड़का देवेंद्र थोड़ी दूरी पर ही रोते हुए चिल्ला रहा था। उन्हें देखकर गौरीशंकर व दिलीप भाग गए। तब घायल ओमप्रकाश को मेड़ता अस्पताल पहुंचाया। जहां से उसे अजमेर रेफर कर दिया। इलाज के दौरान ओमप्रकाश की मृत्यु हो गई। पीडि़त पक्ष के वकील रुस्तम अली बेहलीम ने बताया कि इस मामले में मेड़ता न्यायालय ने आरोपी गौरीशंकर एवं दिलीप को 10-10 साल के कारावास और 50 हजार के अर्थदंड से दंडित किया।