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पौधा लगा बसाई थी ढाणी, अब लोगों ने पौधरोपण कर मनाया उनका 100 वां जन्मदिन

locationनागौरPublished: Jul 18, 2019 10:28:06 pm

Submitted by:

Sandeep Pandey

मेड़ता उपखंड क्षेत्र में एक गांव है गुंदा की ढाणी। दरअसल इस ढाणी की स्थापना जोराराम विश्नोई ने एक गुंदे का पौधा लगाकर की थी। उस गुंदे के पौधे की वजह से ही उस ढाणी का नाम पड़ गया गुंदा की ढाणी।

Plantation

पौधरोपण


मेड़ता सिटी. मेड़ता उपखंड क्षेत्र में एक गांव है गुंदा की ढाणी। दरअसल इस ढाणी की स्थापना जोराराम विश्नोई ने एक गुंदे का पौधा लगाकर की थी। उस गुंदे के पौधे की वजह से ही उस ढाणी का नाम पड़ गया गुंदा की ढाणी। आज इस ढाणी में उन्हीं जोराराम विश्नोई के 100 वें जन्मदिन को उत्सव के रूप में मनाया गया। जब इस ढाणी की स्थापना हुई तो यहां तीन भाइयों का परिवार था। आज इस ढाणी के 50 परिवारों ने उनके जन्मदिन पर गूंदे के पौधे लगाया।
‘सिर साठे रुख रहे, तो भी सस्तो जाण’ को 29 धर्म का नियम मानने वाले पर्यावरण एवं जीवदया प्रेमी विश्नोई समाज के जोराराम राहड़ ने 97 वर्ष पहले दूगौर दासा से परिवार के साथ विस्थापित होकर रेण गांव के पास एक गुंदे का पौध लगाकर ढाणी बसाई। व्रिकम संवत 1974 में दूगौर दासा से हरदासराम, सुजानराम, रामकरण राहड़ रेण की ढाणी में रहने लगे। यहां उन्होंने अपने पुत्र जोराराम के हाथों से गुंदे का पौधा लगवाया। तब से इसे राजस्व रिकॉर्ड सहित आम प्रचलन में गुंदों की ढाणी के नाम से जाना जाने लगा। उस समय लगाया गया गुंदे का पेड़ पिछले ढाई दशक पूर्व तेज अंधड़-हवा के साथ धराशायी हो गया था। पर्यावरण एवं जीव प्रेमी परिजनों ने जोराराम राहड़ का 100वां जन्मदिन कुछ अनोखे अंदाज में मनाया। जन्मदिवस अवसर पर जोराराम के पुत्र लालाराम, हनुमानराम, मुनीराम, बाबूलाल, रामनिवास तथा मलाराम ने अपने पिता के हाथों पुन: गुंदे का पौध लगवाकर जन्मदिन मनाया। गुंदे का पेड़ लगे होने से कालांतर से गुंदो की ढाणी नाम से प्रचलित ढाणी में 100वें जन्मदिन पर जोराराम राहड़ ने अपने भाई बख्ताराम राहड़ (96)के साथ पुन: गुंदे का पेड़ लगाया। कार्यक्रम के तहत गुरुवार को ढाणी में जागरण, पाहल-हवन का आयोजन हुआ।
काटा 100 किलो का केक
100 वर्षीय जोराराम ने अपने 6 पुत्र, 1 पुत्री, 12 पौत्र, 4 प्रपौत्र, 11 दोहितों ने 100 किलो की माला पहनाकर परिवार के साथ 100 किलो वजनी केक काटा। इस दौरान पर्यावरण एवं जीव दया को लेकर सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए। जिसमें समाज के हजारीराम पूनिया, मनोज डेलू खाजुवाड़ा, भागचंद राहड़, मनोहरलाल विश्नोई, भागचंद लोमरोड़, जगदीश राहड़, मांगीलाल, कैलाश, बुधाराम, दीपु, गौतम, सुनिल, सुरेश, मनीष सहित परिजनों ने पौधरोपण किया। 50 परिवारों के साथ जब जोराराम विश्नोई का जन्मदिन मनाया तो पूरी ढाणी में एक उत्सव जैसा माहौल बन गया।
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