प्रदेश में नशे के कारोबार पर गौर करें तो पिछले तीन साल में अवैध शराब पर कार्रवाई के आंकड़े घटे हैं। चिंता की बात यह है कि इसकी तुलना में मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ी है। राज्य में वर्ष 2019 में एक्साइज एक्ट में 18698 प्रकरण दर्ज हुए थे, जबकि 2020 में 16484 व 2021 में 18187 मामले दर्ज हुए। वहीं 2019 में एनडीपीएस एक्ट के 2426 प्रकरण दर्ज किए गए। 2020 में 2550 तथा 2021 में 2839 मामले दर्ज किए गए। जानकारों का कहना है कि वर्ष 2020 व 2021 में कोरोना की वजह भी एक्साइज एक्ट के मामलों के गिरावट की वजह रही।
नेता और अफसर मान रहे गंभीर, लेकिन अंकुश के प्रयास नाकाफी राजस्थान में नेता और अफसर भी नशे की वजह से खराब हो नई नस्ल की बात को स्वीकारते हैं। लेकिन इस पर अंकुश के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। हाल ही में नागौर जिले के प्रभारी व उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेंद्र यादव भी सार्वजनिक मंच पर नई पीढ़ी में नशे के दुष्प्रभाव की बात को स्वीकार चुके हैं। जिला कलक्टर डॉ.जितेंद्र सोनी ने ‘एक युद्ध नशे के विरुद्ध’ चलाया, लेकिन पुलिस की सख्ती इसे लेकर कहीं नजर नहीं आती है।
केस – 1 कुख्यात अपराधी राजू फौजी ने बीते साल भीलवाड़ा जिले के दो पुलिसकर्मियों को फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया। बाड़मेर निवासी राजू मादक पदार्थों की तस्करी के कारोबार में लिप्त है। जिस पर पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित किया था।
नागौर जिले के सदर थाना क्षेत्र में नशे के आदि और नशे के कारोबार में लिप्त सत्तार खान और उसके भाई दिलावर खान ने वृद्धा धापू देवी और उसके बीस वर्षीय दोहित की कुल्हाड़ी से नृशंस हत्या कर लूट की वारदात को अंजाम दिया।
– डॉ.अशोक चौधरी, संयोजक, अभिनव राजस्थान