रेडियेशन से बचाव के इंतजाम
एक्सरे डिजिटल मशीन में एक्सरे के दौरान रेडियेशन से बचाव के लिए तकनीशियन एवं रोगी, दोनों के ही बचाव के इंतजाम किए गए हैं। तकनीशियन के सामने ही एक बड़ी स्टैंडनुमा उच्चतम तकनीकी की प्लेट लगी हुई है। एक्सरे के दौरान यह प्लेट रेडियेशन को रोकने का काम करेगी। विशेषज्ञों की माने तो इस मशीन में रेडियेशन निजी संस्थानों में लगी मशीन से 20 प्रतिशत कम रहता है।
हाई फ्रीवक्वीं और ग्रीड टेक्नालिजी में एक्सरे
रेडियोग्राफर भूपेन्द्र मीणा ने बताया कि यह 32 केवी हाई फ्रीक्वेंसी पर 300 एमए की तकनीकी पर काम करती है। इसमें 50 से लेकर 300 एमए की रेंज में बेहद सहजता से एक्सरे करने की सुविधा है। फ्रीक्वेंसी में न्यूनतम 15 व अधिकतम 40 फ्रीक्वेंसी तकनीकी की मशीन ही होती है। जबकि इसकी फ्रीक्वेंसी हाई होने के साथ ही ग्रीड टेक्नालिजी पर काम करने वाली यह मशीन अब केवल टीबी हॉस्पिटल के पास ही है। इसमें बच्चों या बुजुर्गों के हिलने के दौरान स्टेचू की मुद्रा में ज्यादा हिदायत देने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। रोगी के मशीन के सामने आने के चंद सेकेण्ड में उसका एक्सरे हो जाएगा। इसके अलावा इसमें चार कैसेट की सुविधा उपलब्ध है। जबकि अन्य में एक या दो कैसेट की उपलब्धता ही होती है। एक कैसेट की अनुमानत: मार्केट वैल्यू तकरीबन 60 से 70 हजार होती है। इसके अलावा मशीन के खराब होने या काम नहीं करने की स्थिति में इसे दो दिन में दुरुस्त करने की जिम्मेदार संबंधित एजेंसी की रहेगी।
इनका कहना है…
तमाम प्रयासों के बाद जिला टीबी हॉस्पिटल में अत्याधुनिक तकनीकी की एक्सरे डिजिटल मशीन लगने के बाद रोगियों को निश्चित रूप से राहत मिली है। इसमें रोगियों को अब पहले से ज्यादा सुव्यवस्थित एवं स्पष्ट एक्सरे की सुविधा मिलनी शुरू हो गई है।
नरेन्द्र सिंह राठौड़, जिला क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी, टीबी हॉस्पिटल नागौर