नागौर का सपना साकार होने में 4 दिन शेष, जड़ा तालाब में होगा ‘नक्की’ जैसा अहसास
मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त पर जड़ा तालाब में नौकायन शुरू करने के लिए नगर परिषद ने तेज की तैयारियां, राजस्थान पत्रिका के अभियान से शुरू हुई थी मुहिम

नागौर. नागौर शहर के ऐतिहासिक जड़ा तालाब व आसपास के क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए नागौर की जनता द्वारा करीब साढ़े पांच वर्ष पूर्व देखा गया ख्वाब 14 जनवरी को पूरा होने वाला है। जड़ा तालाब में सफाई अभियान चलाकर राजस्थान पत्रिका द्वारा शुरू की गई ‘जड़ा तालाब में हो नौकायन’ मुहिम को लम्बे इंतजार के बाद ही सही, लेकिन मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त पर साकार किया जाएगा। चारों तरफ मंदिर एवं छतरियों से घिरे तालाब में जब शहरवासी नौकायन करेंगे तो नजारा माउंट आबू की नक्की झील से कम नहीं रहेगा।
मकर संक्रांति पर जड़ा तालाब में नौकायन शुरू करने के लिए जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देश पर नगर परिषद आयुक्त मनीषा चौधरी के निर्देशन में तालाब की सफाई, गंदे पानी की आवक को रोकने, तालाब के घाटों पर पुताई व पेंटिंग का काम तेजी से किया जा रहा है। इसके साथ तालाब में पानी भरने का काम भी शुरू कर दिया गया है। जड़ा तालाब में नौकायन शुरू होने के साथ ही वर्ष 2021 की पहली उम्मीद पूरी हो जाएगी। गौरतलब है कि पत्रिका ने एक जनवरी के अंक में वर्ष 2021 की 21 उम्मीदों में जड़ा तालाब में नौकायन की उम्मीद को भी शामिल किया था।
पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण
जड़ा तालाब में नौकायन शुरू होने के बाद यहां पर्यटकों की संख्या बढऩे की पूरी उम्मीद है। गौरतलब है कि पत्रिका ने मई 2015 में जब इस मुहिम को शुरू किया था, तब भी तत्कालीन जिला कलक्टर राजन विशाल के अगुवाई में इस क्षेत्र को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने का सपना देखा गया था। इसके तहत जड़ा तालाब के आसपास सिटी पार्क विकसित करने, तालाब के घाटों को हैरिटेज लुक देने के लिए जोधपुर के छीत्तर के पत्थर से घाट व रेलिंग बनाने का काम पूरा हो चुका है। वहीं तालाब के पास ही वीर अमरसिंह राठौड़ व उनकी रानियों की प्राचीन छतरियां, पास में ही प्राचीन बावड़ी एवं वर्ष 2016 में बनकर जनता को समर्पित किए जा चुके अमरसिंह पैनोरमा की विशेष मूर्तियां, कलाकृतियां पर्यटकों को लुभाएगी।
सोनी ने आते ही शुरू किए प्रयास
जिला कलक्टर डॉ. सोनी ने नागौर में पदभार ग्रहण करने के बाद शहर का राउंड लिया तो उन्हें जड़ा तालाब का सौंदर्य काफी पसंद आया। इस बीच उन्हें शहरवासियों के सपने की सपने की जानकारी मिली तो उन्होंने विशेषज्ञों एवं अधिकारियों से चर्चा करने के बाद नौकायन कराने का निर्णय लिया और नगर परिषद अधिकारियों को इसकी तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने लगातार साप्ताहिक बैठकों में इस मुद्दे की प्रगति लेकर अधिकारियों को इस काम में लगाए रखा, जिसके परिणामस्वरूप नौकायन का सपना सच हो रहा है। नौकायन शुरू होने की जानकारी मिलते ही शहरवासी अभी से तालाब का सौंदर्य देखने के लिए पहुंचने लगे हैं।
जुड़ता गया कारवां
राजस्थान पत्रिका की ओर से शुरू किए गए अभियान के तहत सबसे पहले पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान के तहत जनसहयोग से श्रमदान के माध्यम से तालाब की सफाई का कार्य शुरू किया। करीब दो माह तक प्रत्येक रविवार को किए गए श्रमदान में सैकड़ों लोगों ने अपना पसीना बहाकर तालाब की तस्वीर बदलने में सहयोग किया। श्रमदान कार्य पूरा होने के बाद तालाब की खुदाई करवाई। पत्रिका के अभियान के बाद लोगों का जुड़ाव एवं अभियान की सार्थकता को देखते हुए तत्कालीन कलक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं नगर परिषद अभियंताओं से तालाब एवं कैचमेंट एरिया का ले-आउट प्लान तैयार करवाया। इसके बाद 30 अक्टूबर 2015 में तत्कालीन का नागौर दौरा हुआ तो उन्होंने भी जड़ा तालाब का निरीक्षण कर आर्किटेक्ट से नक्शे तैयार करवाए। इसके बाद अमृत सिटी योजना के तहत एक करोड़ 11 लाख सिटी पार्क के लिए तथा करीब एक करोड़ रुपए पुरातत्व विभाग ने तालाब के घाटों का पुनर्निर्माण करवाने के लिए जारी किए।
मार्च में लगाएंगे सेल्फी प्वॉइंट
जड़ा तालाब में नौकायन शुरू करने की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। नौकायन के साथ तालाब के सौन्दर्यकरण का काम भी करवाया जा रहा है। हालांकि यहां ‘आई लव नागौर’ नाम से एक साइनिंग बोर्ड भी लगाया जाना था, लेकिन चुनावी आचार संहिता लागू होने के कारण टेंडर प्रक्रिया अटक गई, इसलिए सेल्फी प्वॉइंट मार्च में लगवाएंगे।
- मनीषा चौधरी, आयुक्त, नगर परिषद, नागौर
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